Friday 8 September 2023

कविता. ४९२३. अफसानों को आशाओं की।

                                   अफसानों को आशाओं की।

अफसानों को आशाओं की लहर तलाश देती है अल्फाजों को उजालों की राह कोशिश दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान आस सुनाती है।

अफसानों को आशाओं की आहट तराना देती है कदमों को जज्बातों की सौगात अरमान दिलाती है सपनों को एहसासों की कहानी आस सुनाती है।

अफसानों को आशाओं की रोशनी इशारा देती है उजालों को सपनों की सुबह पहचान दिलाती है नजारों को कदमों की सोच आस सुनाती है।

अफसानों को आशाओं की कोशिश सपना देती है जज्बातों को कदमों की पुकार आहट दिलाती है लहरों को अरमानों की परख आस सुनाती है।

अफसानों को आशाओं की दास्तान लम्हा देती है दिशाओं को बदलावों की उमंग खयाल दिलाती है अंदाजों को इरादों की सौगात आस सुनाती है।

अफसानों को आशाओं की राह पहचान देती है किनारों को सपनों की सुबह तलाश दिलाती है उम्मीदों को दिशाओं की कहानी आस सुनाती है।

अफसानों को आशाओं की सरगम आवाज देती है तरानों को लम्हों की कोशिश बदलाव दिलाती है अदाओं को इशारों की समझ आस सुनाती है।

अफसानों को आशाओं की रोशनी उमंग देती है अदाओं को दिशाओं की कहानी एहसास दिलाती है लहरों को जज्बातों की सुबह आस सुनाती है।

अफसानों को आशाओं की मुस्कान इरादा देती है जज्बातों को अंदाजों की रोशनी खयाल दिलाती है एहसासों को सपनों की कोशिश आस सुनाती है।

अफसानों को आशाओं की परख पहचान देती है उजालों को इशारों की सोच अल्फाज दिलाती है उजालों को आवाजों की धून आस सुनाती है।


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