Saturday 16 September 2023

कविता. ४९३१. कदमों की सरगम अक्सर।

                                    कदमों की सरगम अक्सर।

कदमों की सरगम अक्सर अरमानों को एहसास दिलाती है दास्तानों को अदाओं की तलाश इशारा दिलाती है किनारों को सपनों की आस सुनाती है।

कदमों की सरगम अक्सर अल्फाजों को तराना दिलाती है लम्हों को अरमानों की पुकार बदलाव दिलाती है खयालों को अंदाजों की आस सुनाती है।

कदमों की सरगम अक्सर दिशाओं को इरादा दिलाती है लहरों को जज्बातों की सौगात समझ दिलाती है नजारों को राहों की आस सुनाती है।

कदमों की सरगम अक्सर लहरों को मुस्कान दिलाती है उजालों को बदलावों की सोच पहचान दिलाती है आशाओं को अदाओं की आस सुनाती है।

कदमों की सरगम अक्सर सपनों को अरमान दिलाती है जज्बातों को अंदाजों की परख रोशनी दिलाती है तरानों को उम्मीदों की आस सुनाती है।

कदमों की सरगम अक्सर एहसासों को लम्हा दिलाती है राहों को खयालों की मुस्कान कोशिश दिलाती है अफसानों को आशाओं की आस सुनाती है।

कदमों की सरगम अक्सर दास्तानों को नजारा दिलाती है आवाजों को अंदाजों की पुकार सहारा दिलाती है इरादों को जज्बातों की आस सुनाती है।

कदमों की सरगम अक्सर किनारों को मुस्कान दिलाती है बदलावों को लम्हों की पहचान रोशनी दिलाती है खयालों को इशारों की आस सुनाती है।

कदमों की सरगम अक्सर इरादों को तलाश दिलाती है इशारों को एहसासों की कहानी कोशिश दिलाती है लहरों को तरानों की आस सुनाती है।

कदमों की सरगम अक्सर सपनों को कोशिश दिलाती है दिशाओं को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है सपनों को अरमानों की आस सुनाती है।

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