Sunday 24 September 2023

कविता. ४९३९. अरमानों को सपनों की।

                              अरमानों को सपनों की।

अरमानों को सपनों की राह अक्सर कोशिश दिलाती है तरानों को उम्मीदों की आस अल्फाज सुनाती है कदमों को अदाओं की पुकार मुस्कान दिलाती है।

अरमानों को सपनों की सुबह अक्सर खयाल दिलाती है लम्हों को अंदाजों की समझ आवाज सुनाती है उजालों को नजारों की आस मुस्कान दिलाती है।

अरमानों को सपनों की उमंग अक्सर सौगात दिलाती है खयालों को इशारों की रोशनी आहट सुनाती है एहसासों को आशाओं की सुबह मुस्कान दिलाती है।

अरमानों को सपनों की लहर अक्सर किनारा दिलाती है राहों को आवाजों की धून अफसाना सुनाती है जज्बातों को बदलावों की सोच मुस्कान दिलाती है।

अरमानों को सपनों की आस अक्सर लहर दिलाती है अंदाजों को बदलावों की सोच दास्तान सुनाती है किनारों को अल्फाजों की रोशनी मुस्कान दिलाती है।

अरमानों को सपनों की समझ अक्सर उमंग दिलाती है इशारों को लम्हों की पहचान कोशिश सुनाती है उजालों को अदाओं की परख मुस्कान दिलाती है।

अरमानों को सपनों की बदलाव अक्सर दास्तान दिलाती है राहों को अल्फाजों की सुबह इशारा सुनाती है खयालों को अंदाजों की आहट मुस्कान दिलाती है।

अरमानों को सपनों की परख अक्सर उम्मीद दिलाती है कदमों को उजालों की पुकार अल्फाज सुनाती है लम्हों को दास्तानों की सरगम मुस्कान दिलाती है।

अरमानों को सपनों की आस अक्सर बदलाव दिलाती है लम्हों को अंदाजों की परख एहसास सुनाती है नजारों को दिशाओं की कोशिश मुस्कान दिलाती है।

अरमानों को सपनों की सौगात अक्सर जज्बात दिलाती है लहरों को इशारों की समझ इरादा सुनाती है कदमों को अदाओं की पहचान मुस्कान दिलाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...