Wednesday 27 September 2023

कविता. ४९४२. राहों संग अरमानों की।

                               राहों संग अरमानों की।

राहों संग अरमानों की पुकार एहसास दिलाती है लम्हों को लहरों की पहचान कोशिश देकर जाती है किनारों से अल्फाजों की रोशनी दिलाती है।

राहों संग अरमानों की परख अफसाना दिलाती है कदमों को अदाओं की आहट सपना देकर जाती है लहरों से आशाओं की रोशनी दिलाती है।

राहों संग अरमानों की उमंग खयाल दिलाती है नजारों को दिशाओं की कहानी तलाश देकर जाती है दास्तानों से जज्बातों की रोशनी दिलाती है।

राहों संग अरमानों की तलाश किनारा दिलाती है सपनों को दास्तानों की पुकार अफसाना देकर जाती है इशारों से आवाजों की रोशनी दिलाती है।

राहों संग अरमानों की उम्मीद अल्फाज दिलाती है किनारों को एहसासों की आस परख देकर जाती है खयालों से बदलावों की रोशनी दिलाती है।

राहों संग अरमानों की कोशिश अदा दिलाती है इरादों को उम्मीदों की समझ सरगम देकर जाती है अंदाजों से नजारों की रोशनी दिलाती है।

राहों संग अरमानों की आस सुबह दिलाती है जज्बातों को कदमों की पुकार अहमियत देकर जाती है इरादों से उजालों की रोशनी दिलाती है।

राहों संग अरमानों की बदलाव उम्मीद दिलाती है उम्मीदों को किनारों की आहट लहर देकर जाती है खयालों से एहसासों की रोशनी दिलाती है।

राहों संग अरमानों की सौगात पुकार दिलाती है आशाओं को बदलावों की मुस्कान अल्फाज देकर जाती है अफसानों से लम्हों की रोशनी दिलाती है।

राहों संग अरमानों की समझ परख दिलाती है अंदाजों को इरादों की कोशिश सरगम देकर जाती है बदलावों से धाराओं की रोशनी दिलाती है।

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