Saturday 2 September 2023

कविता. ४९१७. उम्मीद को सपनों की।

                                         उम्मीद को सपनों की।

उम्मीद को सपनों की सुबह अक्सर अफसाना दिलाती है लम्हों को खयालों की पहचान तलाश देती है कदमों की समझ से आशाओं का अल्फाज दिलाती है।

उम्मीद को सपनों की लहर अक्सर दास्तान दिलाती है उजालों को किनारों की पुकार अरमान देती है उम्मीदों की रोशनी से अदाओं का अल्फाज दिलाती है।

उम्मीद को सपनों की कोशिश अक्सर आस दिलाती है कदमों को उजालों की आहट खयाल देती है तरानों की सरगम से आवाजों का अल्फाज दिलाती है।

उम्मीद को सपनों की इरादा अक्सर किनारा दिलाती है नजारों को दिशाओं की कहानी तलाश देती है जज्बातों की आहट से इशारों का अल्फाज दिलाती है।

उम्मीद को सपनों की राह अक्सर कोशिश दिलाती है राहों को अंदाजों की परख किनारा देती है दिशाओं की कहानी से लम्हों का अल्फाज दिलाती है।

उम्मीद को सपनों की पुकार अक्सर इरादा दिलाती है लहरों को अरमानों की कोशिश पहचान देती है दास्तानों की कोशिश से अदाओं का अल्फाज दिलाती है।

उम्मीद को सपनों की परख अक्सर रोशनी दिलाती है जज्बातों को कदमों की राह मुस्कान देती है नजारों की सुबह से एहसासों का अल्फाज दिलाती है।

उम्मीद को सपनों की आवाज अक्सर धाराएं दिलाती है अंदाजों को जज्बातों की सौगात परख देती है आशाओं की राह से इरादों का अल्फाज दिलाती है।

उम्मीद को सपनों की सोच अक्सर पहचान दिलाती है अरमानों को दास्तानों की आस एहसास देती है किनारों की पुकार से अफसानों का अल्फाज दिलाती है।

उम्मीद को सपनों की समझ अक्सर नजारा दिलाती है उजालों को बदलावों की सोच अहमियत देती है एहसासों की आस से जज्बातों का अल्फाज दिलाती है।

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