Wednesday, 13 September 2023

कविता. ४९२८. मुस्कान अक्सर जज्बातों की।

                              मुस्कान अक्सर जज्बातों की।

मुस्कान अक्सर जज्बातों की सौगात संग एहसास दिलाती है लहरों को इशारों की आहट से अहमियत सुनाती है दास्तानों को लम्हों की कहानी देकर जाती है।

मुस्कान अक्सर जज्बातों की तलाश संग कोशिश दिलाती है लम्हों को खयालों की समझ से परख सुनाती है अल्फाजों को उजालों की कहानी देकर जाती है।

मुस्कान अक्सर जज्बातों की आस संग किनारा दिलाती है राहों को अंदाजों की आवाज से खयाल सुनाती है तरानों को अरमानों की कहानी देकर जाती है।

मुस्कान अक्सर जज्बातों की रोशनी संग अंदाज दिलाती है नजारों को दिशाओं की उमंग से बदलाव सुनाती है सपनों को आशाओं की कहानी देकर जाती है।

मुस्कान अक्सर जज्बातों की सरगम संग सपना दिलाती है अल्फाजों को नजारों की सोच से पुकार सुनाती है दिशाओं को उम्मीदों की कहानी देकर जाती है।

मुस्कान अक्सर जज्बातों की अदा संग दास्तान दिलाती है इशारों को दास्तानों की आहट से कोशिश सुनाती है राहों को आवाजों की कहानी देकर जाती है।

मुस्कान अक्सर जज्बातों की तलाश संग सुबह दिलाती है कदमों को उजालों की सरगम से तराना सुनाती है अंदाजों को बदलावों की कहानी देकर जाती है।

मुस्कान अक्सर जज्बातों की सुबह संग पहचान दिलाती है आशाओं को उम्मीदों की कोशिश से पुकार सुनाती है अदाओं को सपनों की कहानी देकर जाती है।

मुस्कान अक्सर जज्बातों की लहर संग खयाल दिलाती है इशारों को दास्तानों की परख से अल्फाज सुनाती है आवाजों को नजारों की कहानी देकर जाती है।

मुस्कान अक्सर जज्बातों की उमंग संग अरमान दिलाती है इरादों को कदमों की आहट से पहचान सुनाती है जज्बातों को खयालों की कहानी देकर जाती है।

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