Friday 22 September 2023

कविता. ४९३७. उमंग को एहसासों संग।

                                 उमंग को एहसासों संग।

उमंग को एहसासों संग आशाओं की सोच सरगम सुनाती है नजारों की कहानी से जुड़कर अंदाज दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान दिलाती है।

उमंग को एहसासों संग लहरों की सुबह अफसाना सुनाती है जज्बातों की सौगात से जुड़कर सोच दिलाती है कदमों को अदाओं की मुस्कान दिलाती है।

उमंग को एहसासों संग दास्तानों की कोशिश नजारा सुनाती है दिशाओं की आस से जुड़कर लहर दिलाती है किनारों को सपनों की मुस्कान दिलाती है।

उमंग को एहसासों संग लम्हों की पुकार सौगात सुनाती है तरानों की कोशिश से जुड़कर आस दिलाती है किनारों को अंदाजों की मुस्कान दिलाती है।

उमंग को एहसासों संग कदमों की आस आवाज सुनाती है खयालों की समझ से जुड़कर राह दिलाती है उजालों को बदलावों की मुस्कान दिलाती है।

उमंग को एहसासों संग किनारों की अदा पहचान सुनाती है लम्हों की आहट से जुड़कर बदलाव दिलाती है तरानों को उम्मीदों की मुस्कान दिलाती है।

उमंग को एहसासों संग तरानों की राह अल्फाज सुनाती है दास्तानों की सुबह से जुड़कर रोशनी दिलाती है इशारों को आशाओं की मुस्कान दिलाती है।

उमंग को एहसासों संग नजारों की कहानी परख सुनाती है अल्फाजों की इरादे से जुड़कर अरमान दिलाती है अरमानों को दिशाओं की मुस्कान दिलाती है।

उमंग को एहसासों संग आवाजों की पुकार समझ सुनाती है अंदाजों की कहानी से जुड़कर खयाल दिलाती है किनारों को अल्फाजों की मुस्कान दिलाती है।

उमंग को एहसासों संग उजालों की पहचान आस सुनाती है जज्बातों की रोशनी से जुड़कर अफसाना दिलाती है आशाओं को लहरों की मुस्कान दिलाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...