Wednesday, 17 February 2016

कविता ५०६. जीवन में आगे जाना है

                                                          जीवन में आगे जाना है
जीवन में हम जब आगे जाते है जीवन की धारा को परख लेना चाहते है हम सोचते रहते है की आगे तो हम हर बार बढ़ना चाहते है
जीवन को बदलते रहना हम हर मोड़ पर चाहते है जीवन की कहानी को हम समझ लेना चाहते है जीवन को समझकर उसे आगे ले जाना चाहते है
जीवन का हर हिस्सा बदलता रहता है उसे आगे ले जाने की जरूरत से ही तो हम जीवन को समझ लेते है जीवन के कई हिस्से होते है
जिन्हे परख कर हर बार हम समझ लेना चाहते है जीवन की कोई ऐसी भी कहानी होती है जिसे बड़ी मेहनत के संग हर बार हम करना चाहते है
जीवन में आगे जाने की चाहत में हम सबकुछ करना चाहते है पर कभी कभी हम समझ नहीं पाते है की हम किस राह पर हम आगे जाना चाहते है
तब हम रुक जाते है और लोग समझ लेते है की हम कुछ नहीं कर पायेंगे इसीलिए वह अक्सर हमें कमजोर समझकर आगे बढ़ जाते है
पर जब वह अपना रंग दिखाए हमें एक पल समझ लेना है और अपने आप को संभाल लेना है हर मोड़ पर जीवन को हर बार परख लेना है
जीवन को हर मोड़ पर समझ लेना जरुरी होता है जीवन में मौका तो हमे मिलता है पर संभलकर आगे जीवन में नई सोच देता है जिसे परख लेना आगे ले जाता है
जीवन के अंदर एहसास तो हमे उम्मीदे दे जाता है हमे नई राह जीवन में आगे तो ले जाती है जब हम आगे जाना हमें सोच समझकर ही तो आगे जाना है
जीवन में कोई भी राह से ले जाये हमे संभल कर आगे जाना है अपने कदमों की आवाज को संभल कर सुनना है हमे आगे तो चलना जरूरी होता है 

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