Monday 15 February 2016

कविता ५०२. राह पर आगे बढना

                                                  राह पर आगे बढना
हर राह को समझ लेने कि जरुरत तो होती है पर कोई कहानी इतनी दिलचस्प लगती है कि उसे सुनने कि हमे कहाँ फुरसत होती है
राह को हर बार जिन्दगी जो परख लेती है उसे अलग अलग मोड को पर समझ लेने कि जीवन मे अहम जरुरत होती है
जीवन कि हर बाजी कहाँ आसान होती है पर उसे परख लेना हमारी जरुरत होती है जो हमारी दुनिया को अहम हर बार लगती है
जीवन मे तो दिन रात हर पल बदलते जाते है जिन्हे समझकर आगे बढने कि जरुरत होती है पर कहानी तो मतलब हर बार देती रहती है
जीवन को समझ लेने कि कहानी आसानी से हमे नही समझ आती है जिसे समझ लेने कि हर बार जरुरत हमे हर पल मेहसूस होती है
पर राह को परख लेते है तो दिलचस्प कहानी समझ लेने का मौका हम अक्सर खो देते है जीवन को समझ लेना ही तो सिर्फ जीवन कि जरुरत नही होती है
कभी कभी बिना समझे ही बात करनी होती है राहे तो समझ लेने से ही जीवन कि नई सुबह होती है जीवन मे अलग अलग एहसास होते है
राहों को तो दुनिया मे हर बार समझ लेने कि जरुरत होती है राहे तो जीवन को हर बार कहानी को परख लेने कि जरुरत होती है
जीवन को समझ लेने के कई मोड तो होते है उनके अंदर दुनिया हर बार रंग बदलती रहती है राहे तो जीवन मे अलग अलग एहसास हर बार देती है
जीवन को समझ लेने कि तो हमारी जरुरत होती है जो जीवन को हर बार अलग सोच और कोई अलग खयाल देती है जो हमारी दुनिया बदल लेती है
सोच मे ही कई कहानियाँ मिलाकर जीवन कि कहानी बनती है जो जीवन को हर मोड पर अलग ताकद दे जाती है रोशनी देती है

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