Wednesday 3 February 2016

कविता ४७९. फूल तो खुशबू देते है

                                                                 फूल तो खुशबू देते है
फूल तो खुशबू देते है जिसमे जीवन का एहसास नयासा आता है जीवन में फूल तो हिस्सा होते है पर काटों से कतराना हमे कहाँ रास आता है
जब काटों को अक्सर देखते है फूलों से मोहोब्बत करना हमे समझ आता है पर काटों के एहसास की बजह से जो चुभन होती है उससे बचना हर बार हमे कहाँ आता है
काटों में वह दर्द है जो हमे फूलों का मतलब जीवन में एहसास अलगसा लगता है फूल के अंदर जो कोमलता होती है काटों को समझ लेना जीवन को नई शुरुआत देता है
फूलों का रंग हो या उनकी खुशबू हो दोनों में मजा तो आता ही है काटों को परख लेना सीखते है तो जीवन में नया एहसास मिल जाता है
काटे हो या फूल हो तो दोनों का मतलब तो होता ही है काटो से जो डर जाये उसे जीवन में फूल की खुशबू भी  नही पाता है फूल ही तो हमेशा कोमल रहते है पर उन्हें पाना बिन काटो के कहाँ हो पाता है
जो काटो से डर जाये वह फूल के अंदर की ताकद जीवन में कहाँ परख पाता है जीवन में प्यारी चीजे हमे नई सोच अक्सर दे जाती है नई सोच दे जाती है
काटो का मतलब जीवन को अच्छा एहसास दे जाता है काटो में ही जीवन की मुश्किल शुरुआत होती है वही से नया एहसास आगे हर बार ले जाता है
काटो से कतराना जीवन में हर बार मुश्किल लाता है जीवन में फूल से ज्यादा काटो को चाहना जरुरी लगता है क्योंकि काटो के अंदर फूल का एहसास होता है
काटो के अंदर ही दर्द का  एहसास होता है उसे दूर करना जरुरी होता है फूल के अंदर खुशियाँ तो होती है पर काटो से ही उन तक पहुँचना हो जाता है
फूल से ही जीवन में अलग एहसास जिन्दा होता है जो जीवन में उम्मीदे दे जाता है पर सबसे पहले जीवन में काटो को समझ लेना जरुरी होता है 

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१२५. किनारों को अंदाजों की।

                              किनारों को अंदाजों की। किनारों को अंदाजों की समझ एहसास दिलाती है दास्तानों के संग आशाओं की मुस्कान अरमान जगाती...