Thursday 11 February 2016

कविता ४९५. हर मोड़ पर कुछ अलग बात

                                                    हर मोड़ पर कुछ अलग बात                          
हर मोड़ पर कुछ अलग बात तो होती है जिसमे अलग एहसास मोड़ में दुनिया दे जाता है उस मोड़ को समझ लेना हर बार जरुरी होता है
मोड़ पर दुनिया रहती है जीवन बार बार अलग अलग मोड़ हर राह पर दिखाता है अगर कतराये मोड़ से तो जीवन मतलब बदल कर जाता है
मोड़ पर हमे जीते है उस मोड़ को जीवन का अलग एहसास दिख जाता है मोड़ तो वह है जिसमे जीवन उम्मीदे दे पाता है पर कभी कभी जीवन मोड़ को बदलकर आगे जाता है
मोड़ के बाद मोड़ जीवन को बदलता जाता है मोड़ में अलग सोच जीवन को आगे पीछे ले जाती है जीवन तो बदलाव का दूसरा नाम हर बार होता है
जीवन में मोड़ तो बदलते जाते है मोड़ के साथ ही तो जीवन को समझना होता है मोड़ों से फिर भी जाने क्यूँ जीवन कतराता रहता है
अलग मोड़ जीवन को नई सोच दे जाता है जीवन ही हमारी ताकद बनकर रोशनी लाता है मोड तो बदल जाते है जिन्हे समझ लेनेसे जीवन बदल जाता है
मोड़ तो गलत होते है हर मोड़ तो बदल जाते है मोड़ में ही जीवन हर बार उम्मीद दे जाता है मोड़ को बदल लेना जीवन को मतलब हर बार दे जाता है
मोड़ को मतलब तो हर बार जीवन देता है मोड़ की समझ से ही जीवन हर बार बन जाता है जीवन को समझ लेना हर बार अहम चीज है
मोड़ के साथ जीवन बहोत बड़ा दर्द होता है अलग अलग मोड़ ही जीवन को समझ लेने की जरूरत बताते है मोड़ों से ही तो जीवन हर बार जिन्दा हो जाता है
मोड़ के अंदर जीवन तो अलग एहसास ले जाता है मोड़ों में ही दुनिया का नया एहसास जिन्दा होता है मोड़ ही हर बार दुनिया बदल जाते है 

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