Monday, 29 February 2016

कविता ५३०. जीवन कि नई सुबह

                                           जीवन कि नई सुबह
हर बार जीवन को मतलब तो दे जाते है जो जीवन मे नई सुबह आती है वही तो जीवन कि धारा को बदल के जाती है
जीवन कि हर एक सुबह मे अलग एहसास तो जीवन कि दिशाए बदल के जाता है उस सुबह को परख लेना हर बार अहम नजर आता है
जीवन को मतलब तो हर दिशाओं मे मिलता है नई शुरुआत ही हर एहसास को मतलब देती है हर ओर नई दिशा मिलती है
सुबह तो हर बार जीवन कि कहानी बदलती जाती है जीवन कि हर दिशा हमे हर बार आगे ले जाती है नई उम्मीदे दे जाती है
जीवन को मतलब तो हमे नई सुबह से ही मिल पाता है जीवन कि धारा मे ही तो एहसास नयासा मिल जाता है जो जीवन को रोशनी हर बार दे जाता है
जीवन कि हर बाजी कहाँ आसान नजर आती है जो जीवन को चोट दे जाती है वह सोच हर मौके पर बडी अहम नजर आती है
नई शुरुआत तो जीवन कि कहानी हर सुबह दे जाती है जिसे समझ लेने से ही जीवन कि नई सुबह मन को खुशियाँ दे पाती है
हर सुबह मे शुरुआत अनजानी है पर वह बडी दिलचस्प नजर आती है जब सुबह हमे रोशनी दे जाती है जीवन कि कहानी बन जाती है
हर दिन के सुबह मे जीवन कि कहानी रोशनी कि धारा दे जाती है हमारे जीवन मे कई तरह कि उम्मीदे आगे ले जाती है
हर शुरुआत जीवन को समझ लेने से हमे आगे ले जाती है जीवन कि कहानी नई सुबह हर मोड पर हमे समझ लेना सिखाती है

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