Tuesday, 2 February 2016

कविता ४७६. नदियाँ के अंदर पानी

                                                             नदियाँ के अंदर पानी
नदियाँ के अंदर पानी का एहसास मन को छू जाता है वह मन को यह बताता है की सोच के अंदर अलग दुनिया हर बार वह हमे दे जाता है जीवन को साँसे देता है
पानी के भीतर ठंडक का नया एहसास जीवन को कुछ तो समझ देता है क्योंकि जीवन के हर मोड़ पर अलग असर कर जाता है पानी जीवन में अलग अलग किसम का एहसास पाता है
नदियाँ में अलग अलग ताकद का एहसास जीवन में नई रोशनी लाता है जिसे परख लेना पानी के भीतर की बाते समझ लेना चाहता है जो रोशनी देता है
नदियाँ में जाने से जीवन को परख लेने का एहसास कभी कभी रोशनी देता है जिसे समझ कर आगे जाना दुनिया में नई सोच हर बार हर मोड़ पर दे जाता है
नदियाँ तो शीतलता की वह उम्मीद है जिसमे अलग सोच का आना जाना होता  है जिसे समझ लेना दुनिया को खुशियाँ देता है रोशनी दे जाता है
अगर जीवन को परख लेते है तो जीवन हमे उम्मीदे देता है वह उस रोशनी का सागर है जो जीवन में साँसे दे जाता है खुशियाँ हर मोड़ पर दे कर जीवन सुंदर बनाता है
नदियाँ तो वह प्यारी चीज है जिसमें दुनिया का अलग एहसास खुशियाँ देता है जिसे परख लेने से ही जीवन को नई साँस देता है पर क्या जरूरत है वह नदियाँ हो नल का पानी भी काफी होता है
नल के पानी को हाथ में लो और आँखे मुदकर देख लो तो जीवन में नदियाँ का एहसास हर बार होता है जो साँसे देता है खुशियों की जीवन में नई शुरुआत देता है
पानी के अंदर अलग एहसास दे जाता है पानी को मन से छू लेने से जीवन में वह नई शुरुआत दे जाता है पानी को जीवन के साथ अलग तरीके से परख लेना नई शुरुआत दे जाता है
यह बताता है हमे की पानी कुछ भी सुख दे जाता है क्योंकि उसे हमारा मन सचमुच में चाहता है मन की ताकद से ही तो जीवन मे खुशियाँ ले आता है 

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