Friday, 19 February 2016

कविता ५११. खयालों कि जरुरत होती है

                                                 खयालों कि जरुरत होती है
हर भावना जीवन कि हमारी जरुरत होती है चाहे पसंद हो या नापसंद हो वह हमे उम्मीदे देती है मन का खयाल ही हमारी जरुरत बनता है
मन को समझ लेना ही जीवन मे नया किनारा देता है जिसे समझ लेते है हम उस सोच से ही जीवन कि कहानी हर बार बनती है
मन के अंदर ही जीवन कि शुरुआत होती है जीवन को दुनिया अलग अलग मतलब हर बार दे जाती है जीवन कि शुरुआत देती है
मन को सही खयाल कि जरुरत होती है पर गलत खयालों से भी दुनिया आगे बढ जाती है उनकी शुरुआत हर बार होती है
जीवन कि कहानी को समझ लेने कि अहमियत तो हमे होती है पर अलग खयालों से बननेवाले हिस्सों से हमे नफरत होती है
दुनिया को बदल लेने कि हर बार जीवन को जरुरत होती है जीवन कि कहानी दोनों खयालों कि अमानत होती है
पर फिर भी बूरे खयालों को भूलाने कि हमे जरुरत होती है उन्हे बिना भुलाये हमारी दुनिया मे कहाँ रोशन होती है दोनो खयालों कि हमे जरुरत होती है
खयालों को समझ लेना ही तो जीवन कि जरुरत होती है पर उन्हे प्यार से बदल लेना जीवन कि जरुरत हर बार होती है जो जीवन को दिशा देती है
खयालों से ही दुनिया बनती है हर बार खयाल बूरे और भले दोनों तरह के होते है जीवन मे अलग अलग खयालों को समझ लेने से जीवन को उम्मीदे मिल जाती है
खयालों को परख लेने से ही तो जीवन कि सुबह हर बार होती है सोच मे जीवन को समझ लेने कि जरुरत होती है जो जीवन मे अलग अलग खयालों कि कहानी होती है

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