Sunday, 21 February 2016

कविता ५१४. बूँद के अंदर यादे रोशनी लाती है

                                    बूँद के अंदर यादे रोशनी लाती है
बारीश के बूँदों कि याद चुपके से आ जाती है जब पानी साधी बूँदोमे भी हमे छूँ कर चली जाती है बारीश कि यादे मन मे उम्मीदे दे जाती है
जाने कैसे मन को समझाकर जाती है दुनिया मे अच्छी चीजे मन मे कही तो जाकर चुपके से जीवन मे बाकी रह जाती है
हर याद सुहानी जीवन को साँसे दे जाती है हर याद सुने नया मतलब और मकसद दे पाती है जीवन कि जो धारा आगे बढती है
वह किसी सुहानी याद कि शुरुआत से ही तो जीवन को मतलब दे जाती है जीवन कि कहानी बनाती है जीवन मे साँसे दे जाती है
हमे बूँद से तो समूंदर कि उम्मीदे हर बार करनी होती है जो जीवन को हर बार आगे ले कर जाती है जीवन को मतलब दे जाती है
तो छोटीसी उम्मीद से ही जीवन कि नई कहानी बनती है बूँद से ही तो जीवन कि कहानी बनती जाती है जीवन मे नया एहसास दे जाती है
बूँद के तरह कई बाते जीवन कि समज लेने मे ही हर बार मजा आता है जिन्हे समझके ही तो जीवन आगे जाता है कुछ यादे पुरानीसी साथ ले जानी है
जीवन मे हर मोड पर अलग कहानी बनती है बूँद के अंदर यादे तो मतलब हर बार दे जाती है  बूँद के अंदर एहसास अलग से आते है
बूँद भी जीवन कि कहानी बना देती है जीवन मे यादे हर बार अलग मजा दे जाती है प्यारी यादे हो तो उम्मीदे लाती है जीवन कि हर बाजी जीता कर जाती है
बूँद के अंदर यादे आ जाती है क्योंकि जीवन मे यादों से ही तो हर बार दुनिया आगे जाती है वह रोशनी और हर बार उम्मीदे दे जाती है

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