Friday 12 February 2016

कविता ४९६. जीवन को मतलब दे जाने की सोच

                                                 जीवन को मतलब दे जाने की सोच
कभी कभी जीवन को मतलब दे जाने की सोच जीवन को परख देती है जीवन के अंदर अलग एहसास तो हमे सोच नई दे जाती है जीवन की धारा में ही नई शुरुआत होती है
जो हमे समझ नहीं आती है जीवन की अलग सोच ही तो आगे हमे ले जाती है जीवन के अंदर हम आगे परख तो चलती है जीवन को समझ लेने की जरूरत होती है
जीवन का मतलब तो आजकल हमारी नई सुबह होती है जब जब जीवन के अंदर आगे बढ़ने की जरूरत हर बार होती है जिसे आजकल जीवन को बाते हर बार समझ आती है
जीवन के भीतर हमे आगे जाने से ही जीवन की सोच हमे आगे ले जाती है जीवन में समझ लेना ही तो उसकी अहम जरूरत होती है जीवन की हर धारा बदलती जाती है
जीवन के हर मोड़ को समझ लेना जीवन में अहम जरूरत होती है जीवन को परख ले यही तो दुनिया की सही जरूरत होती है जीवन के हर मोड़ पर दुनिया जिन्दा रहती है
पर फिर भी समझ लिए दुनिया को पेहचान लेना दुनिया की हर राह की जरूरत होती है दुनिया को आगे ले जाये वही दुनिया की अहमियत होती है
जीवन को समझ लेना कभी कभी इस दिल से होता है और कभी दुनिया की समझदारी मुश्किल बात हर बार लगती है क्योंकि कई बार वह सच से बड़ी दूर दिखती है
जीवन को समझ लेने से दुनिया अलग एहसास देती है दुनिया की सोच हर बार अलग समझ हमे दे जाती है दुनिया को परख लेना दुनिया की जरूरत होती है
दुनिया के अंदर की हर बार अलग अलग राह की जीवन में जरूरत होती है दुनिया को हर मोड़ में आगे जाने की जरूरत होती है जीवन के अंदर नई उम्मीद होती है
जीवन को समझ लेना ही तो जीवन की ताकद होती है पर कहाँ जीवन में वह जीत कभी कभी दुनिया को अलग सोच हर मोड़ पर दे पाती है 

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१२५. किनारों को अंदाजों की।

                              किनारों को अंदाजों की। किनारों को अंदाजों की समझ एहसास दिलाती है दास्तानों के संग आशाओं की मुस्कान अरमान जगाती...