Thursday, 4 February 2016

कविता ४८०. आगे चलते रहने की जीवन में जरूरत है

                                                   आगे चलते रहने की जीवन में जरूरत है
आगे बढ़ जाना जीवन की जरूरत होती है आगे जाना ही जीवन की नजाकत होती है जीवन के हर पल हमे कुछ तो समझ जाना हर पल पेहचान लेना जरुरी होता है
आगे तो जाना ही जीवन की अहम आदत होती है जीवन की हर धारा मे जीवन में कुछ अलग एहसास पर हर मोड़ पर कुछ तो असर हो जाता है
आगे जाना ही जीवन की सच्चाई होती है जिसे परख लेने की हर बार जरूरत होती है जीवन में आगे बढ़ना ही अहम चीज होती है आगे जाना जीवन की जरूरत होती है
जीवन को आगे जाना है यही जीवन की चाल होती है वह चाल ही तो जीवन को नई दिशा देती है चाल को परख लेने से ही जीवन को हर बार कुछ ना कुछ तो देती है
जीवन में आगे जाना ही उसकी जरूरत होती है जो उसे रंग नया दे जाती है आगे जाना ही जीवन की सच्ची ताकद होती है उसके अंदर जीवन को आगे जाने की जरूरत होती है
जीवन तो आगे चलता रहता है जीवन को परख लेना ही जीवन के अंदर नयी सोच हमेशा उसे ताकद बनकर मिलती है आगे बढ़ना अहम जरूरत होती है
जीवन तो बढ़ता रहता है जीवन में आगे जाना ही जीवन की साँसे होती है जीवन में बढ़ना ही जीवन की जरूरत होती है आगे बढ़ना ही जीवन की चाहत होती है
बिना बढे ही जीवन को समझ लेना आसान तरीके से यह अक्सर हमारी चाहत होती है पर जीवन में राह आगे बढ़ना ही हमारी जीवन की जरूरत होती है
आगे जाने से ही दुनिया बनती है आगे जाना ही जीवन की जरूरत होती है जीवन की धारा ही जरूरत होती है जीवन को समझकर आगे जानेसे ही जीवन में उम्मीद होती है
चाहे कुछ भी हो जाये जीवन में आगे जाना ही जीवन की जरूरत होती है जो जीवन में आगे चलना ही जीवन की अहम चीज हर मोड़ पर होती है
बढ़ते रहना जीवन को एहसास देता है वही जीवन की अहम सोच और जरूरत  होती है जीवन की कश्ती बिना हिले कहाँ जीवन में आगे बढ़ती है 

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