Friday, 1 April 2016

कविता ५९५. कहानी एकसी नही होती है

                                         कहानी एकसी नही होती है
हर रोज कि कहानी एकसी नही होती है कभी कभी लोग उसे समझ लेते है और जीवन कि निशानी बन जाती है आगे लेकर जाती है
वह कहानी हर रोज वही नही होती है वह हर मौके पर बदलती जाती है कहानी हर बार जीवन कि सौगाद बदलकर जाती ही है
कहानी को हर मोड पर चाहते रहते है जो जीवन कि धारा हर बार बदलकर जाती ही है जिसे समझ लेने कि जरुरत हर मोड को होती है
कभी कभी किसी सही धारा मे बह जाना भी सही सोच होती है जो जीवन कि रोशनी बनकर दुनिया को बदलकर आगे ले जाती है
पर सही धारा हो यही जीवन कि जरुरत होती है जीवन कि कहानी बडी खुबसूरत होती है जो उम्मीदे देकर आगे बढती जाती है
हर कहानी हर पल बदलती है जो जीवन को समझ लेती है उसे रोशनी का एहसास  देकर उजाला देकर आगे बढती जाती है
कहानी सही दिशाओं से बढ जाती नही है तो सोच कर चली धारा बदलकर रखती है उसे समझ लेने कि हर बाजी मे जरुरत हर बार होती ही है
क्यों कि गलत चीज तो हर बार हर चीज को गलत ही बनाकर रखती है जीवन मे सही दिशाओं कि हर मोड पर अक्सर जरुरत होती ही है
कहानी सही सोच मे बदल जाती है तो वही अलग एहसास देकर आगे बढती जाती है नई शुरुआत देकर आगे बढती जाती है
कहानी दोनों किनारों से आगे चलती है जिसकी सोच अलगसी ताकद दे जाती है कहानी को समझ लेने कि जरुरत हर बार हर मोड पर होती है
जीवन मे सही सोच हो तो जीवन को समझ लेने कि जरुरत हर बार हर मोड पर होती ही है जो हमे जीवन का सही मकसद देती है हमारी दिशाए बदलती है

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