Tuesday 12 April 2016

कविता ६१६. मन कि राहे और दिशाए

                                                     मन कि राहे और दिशाए
जीवन मे हर पल मन कि दिशाए बदल जाती है पर सोच नही बदल पाती है सोच ही तो अक्सर हमारी ताकद होती है
दिशाए तो हर बार अलग अलग होती ही है उन्हे समझकर आगे बढने कि हर बार जरुरत होती ही है पर मन जो दिशा बदल देता है दुनिया अक्सर बदल जाती है
दिशाओं को समझकर आगे जाने कि हर बार हर पल जरुरत होती है मन ही तो उन्हे अक्सर आगे लेकर जाने कि आदत होती है
जो हमे उम्मीदे देकर आगे ले जाता है वही मन कई बार रुलाता है जिसे समझ लेने के कोशिश मे जीवन कि दास्तान बदल जाती है
मन मे ही तो जीवन कि कहानी बदलकर जाती है मन मे ही तो हमे सच्ची ताकद मिल सकती है जिसे समझ लेने कि हमे जरुरत होती है
मन का एहसास अलग अलग तरह के होते है जो जीवन को अलग राह और दिशाए दिखाकर आगे जाते है वही तो दुनिया मे अहम होते है
मन कि बात समझकर हम हर बार आगे जाना चाहते है मन को कई किसम कि सोच  देकर आगे चलते है मन कि अलग अलग दिशाए हम समझ लेना चाहते है
मन कि राह को समझकर जीवन मे हम आगे चलते रहना चाहते है मन तो दिशाए बदलता है पर हम अपनी सोच न बदलना चाहते है
जीवन मे हर बार हम मन को समझकर ही तो आगे जाते है पर सोच तो मन की वह मजबूती कडी है जिसे परख लेना हम अहम हर बार समझ लेते है
मन के अंदर कई तरह कि सोच तो हर बार हम मजबूती से रखते है जिसे पाने की चाहत मे हम कई राहे परखते है पर राह गलत ना हो तो जीवन मे सही बात ही हम करते है

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