Friday 8 April 2016

कविता ६०९. दिल का अलग एहसास

                                     दिल का अलग एहसास
दिल कि बात कभी कभी एहसास खुदा देती है जीवन कि हर राह दिखाती तो अलग है पर एहसास बदलकर रख देती है
दिल कि राह समझकर आगे जाने कि बात अलग दिखती है जीवन को समझकर एहसास अलग कर जाती है दिल को बदल देती है
दिल को समझकर जीवन कि राहे बदल जाती है दुनिया को परख लेने कि दिल कि राह अनोखी होती है जो दिशाए बदलकर जाती है
दिन जब गुजरते है जीवन मे दिल कि सोच जुदा होती है क्योंकि दिन नई बाते दिखाते है जीवन मे बाते बदल जाती है
दिल कभी सीधी सीधी राह चलता है उस राह को समझकर आगे जाने कि दिशाए जुदा है दिन के अंदर सोच जुदासी होती है
दिल तो समझ लेते है तो दिल कि बाते अलग तरह कि हर बार होती है दिल के हर कोने मे एहसास अलग तरह के हर बार होते है
दिल को परखकर जीवन को आगे ले जाने कि सोच अलगसी होती है जिसे समझकर जीवन को परखकर आगे ले जाने कि ताकद अलग होती है
दिल कई बाते छुपाता है जिसे समझकर दुनिया को आगे ले जाती हर राह अलग तरह कि दिखती है जो रोशनी देकर जाती है
दिल के अंदर छुपी ताकद हर बार जुदा होती है उसे समझ लेने मे कि जरुरत हर बार हर मोड पर अक्सर हमे जीवन मे होती है
दिल को समझकर हर राह पर दुनिया को जीने कि सोच बदलसी जाती है जीवन मे दिल को समझ लेने कि ताकद एक एहसास अलग ही देती है

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