Thursday 14 April 2016

कविता ६२०. बदलाव ही जीवन कि चाहत

                                         बदलाव ही जीवन कि चाहत
बदलाव ही तो जीवन कि चाहत होता है उसे परख लेना जीवन कि अलगसी जरुरत होता है क्योंकि जिन्दगी हर पल जंग नही होती है
कभी कभी बदलाव ही तो जीवन को परख लेने कि चाहत देकर आगे जाता है जिसमे खुशियों कि तो सौगाद वह हर पल हर मोड दे जाता है
क्योंकि जीवन को समझकर आगे जाना हो तो वह बस खुशियों का फसाना होता है जो उम्मीदे देकर हर बार आगे ले जाता है
जीवन का अलग एहसास तो खुशियों कि तलाश मे ही होता है जिन्हे समझ लेने से ही अलग फसाना बन जाता है जो दिशाए बदल देता है
बदलाव ही तो सबसे बडी जरुरत होता है जब वह खुशियों कि अलग पेहचान दे जाये तो उसे अपनाना सही लगता है
पर अक्सर यह तो होता है कि सही बदलाव और तलाश लोगों को भाँती है पर उनके लिये सारी खुशियाँ छोड दे इतनी खुशियाँ सस्ती होती नही है
बदलाव को समझकर आगे जाने कि जरुरत हर बार हर मोड पर होती ही है जिसे परख कर आगे जाना जरुरी होता है
बदलाव ही तो जीवन मे सबसे जरुरी चीज होता है क्योंकि वही तो हँसी बन पाता है जिसमे वह जीवन कि ताकद रखकर जाता है
जीवन मे खुशियों को समझ लेना हर बार जरुरी होता है बदलाव ही तो जीवन कि ताकद बनकर हमे अक्सर आगे ले जाता है
बदलाव को परख लेना ही तो जीवनमे जरुरी हर पल और हर बार होता है जो हमे जीवन मे अलग उम्मीदे हमेशा देकर ही जाता है
तो जमाने को छोड दे बदलाव को छोडना मुश्किलसा होता है बदलाव ही जीवन मे जरुरी और अहम हर बार नजर आता है

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१२४. बदलाव को लहरों की।

                                बदलाव को लहरों की। बदलाव को लहरों की मुस्कान कोशिश सुनाती है दिशाओं को नजारों संग आहट तराना सुनाती है आवाजों...