Friday 29 April 2016

कविता ६५०. जीवन मे साँसे

                                           जीवन मे साँसे
हर साँस के साथ जीवन मे कुछ अलग करने की चाह तो होती है पर जाने क्यूँ जीवन कि धारा अलग ही एहसास दे जाती है दुनिया हर पल बदलती नजर आती है
साँस ही जीवन को अलग सोच का एक इशारा सा देकर जाती है उस इशारे संग हमारी दुनिया हर पल बदलती हुई हर मोड मे अक्सर नजर आती है
जीवन के भीतर साँसे ही अहम लगती है पर सच्चाई कि बात साँस कि किंमत कभी कभी कुछ कम करती है जीवन मे हमारे गम हर दम भरती है
पर काश हमारे जीवन मे आगे बढने कि हमे समझ होती तो साँसे ही जीवन कि कहानी हर दम और हर पल कहती जीवन कि धारा आसानी से बदलती रहती है
साँसे ही जीवन कि कहानी मे कुछ अलग दम हर मोड पे भरती है जिसे समझकर आगे जाने कि जीवन को जरुरत हर पल के अंदर अक्सर रहती है
हम जीवन मे साँसों को समझ लेते है और उन साँसों से हमारी दुनिया हर दम रहती है जिसे परखकर जीवन कि कहानी कोई मतलब तो अक्सर लेती है
जीवन का आईना साँसे ही तो होती है जो जीवन को हर पल बदलकर दुनिया का रंग बदलकर हमारे जीवन को हर पल आगे लेकर चलती है
हमे जीवन मे हर पल साँसों को समझ लेने कि जरुरत होती है जो हमारी दुनिया अक्सर बदलकर ही तो आगे बढती नजर आती है
साँसे ही तो जीवन मे आती जाती है जीवन मे साँसों को समझकर चलने कि ही तो जीवन को जरुरत होती है साँसों कि अपनी अहमियत होती है
साँसों से ही तो जीवन कि ताकद होती है अगर साँसे दुनिया को मतलब देती है तो ही तो दुनिया आगे बढती है साँसे ही दुनिया कि जरुरत होती है 

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