Sunday 24 April 2016

कविता ६४१. मौसम मे एहसास

                                                  मौसम मे एहसास
बारीश के मौसम मे एहसास अलग होता है जो हमे हर कुछ कह जाता है पर मन अगर खूश हो तो जीवन का एहसास बदलसा जाता है
मौसम का एहसास हर बार अलग रंग तो देता है पर तभी जब मन मे खुशियों का किनारा छुपा रहता है जो हर पल दिशाए बदल जाता है
मौसम का असर तो मन मे अक्सर पास ले जाता है पर जो खुशियाँ वह ले जाता है उनका मन मे कुछ तो एहसास मिल जाता है
मौसम तो बदलते जाते है उनके अंदर सोच को जीवन को समझकर आगे जाने का एहसास जुदा हो जाता है हमे मन को समझ लेना हर बार अहम नजर आता है
जीवन के अंदर बदलाव का एहसास हर पल जरुरी होता है जो जीवन को हर मोड पर आगे लेकर अक्सर जाता है उम्मीदे देकर जाता है
मन ही तो वह सोच है जिसमे जीवन का हर किनारा छुपा रहता है जिसे जीवन हर पल हर बार परखकर आगे जाता है
मन के अंदर जीवन कि दिशाए हर पल कोई बात नई दिखाती है उनसे ही तो जीवन कि सुबह और श्याम तय हर बार होती है
मौसम को तो बदल जाने कि आदत हर बार अलग एहसास देती है जिनमे सोच कि अलग सौगाद बन जाती है जीवन के अलग किनारे दिखा जाती है
मौसम को समझ लेना जीवन कि शुरुआत हर पल हर मोड अलग होती है जो जीवन को एहसास अलग तरह के हर बार देकर जाती है
मौसम को समझ लेना ही तो जीवन कि आदत होती है पर हर मौसम से लढना मन कि ताकद होती है उसे समझ लेनेवाले कि ही तो किस्मत बनती है

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