Tuesday, 19 April 2016

कविता ६३१. कोई बात ऐसी होती है

                                                कोई बात ऐसी होती है
कोई बात ऐसी होती है जो मन मे घरसा बनाती है जिसे समझ लेने से दुनिया कई रंगों मे नजर आती जिन्हे छूने कि चाहत उनसे दूर नही रख पाती है
हर बात अलग एहसास देकर आगे जाती है कितना भी हम क्यूँ ना चाहे सोच हमे आगे बढने कि उम्मीदे हर बार देकर जाती ही है
जो बात मन मे अधूरीसी होती है उसमे जीवन का मतलब बन जाती है जीवन को नई सोच देकर आगे बढती चली जाती है दिशाए बदलकर हर बार उम्मीदे दे जाती है
जीवन कि कई शाखाए पेडों कि तरह होती है जो अक्सर जीवन कि हर घडी सोच बदलकर  आगे चली जाती है दिशाए रंग बदलकर सामने आती है
जिस बात को हम अलग अलग मतलब मे समझे उस बात मे हर पल कोई अलग कहानी नजर आती है जो हमारे जिगर कि उम्मीदे आगे ले जाती है
बात को परख लेने पर जीवन कि हर किनारे पर एक सोच जिन्दा हो जाती है बात को कई किनारों मे समझ लेने कि जरुरत हर बात मे होती है
हर बात मे कई तरह कि समझ तो होती है उस पल उस घडी हर बात को समझकर जीवन मे आगे बढने कि हर बार जरुरत तो होती है
जीवन कि हर हालात एक से नही होते है हर पल जीवन कि धारा एकसी सोच नही देती है दिल को एक तरह कि उम्मीदे नही देती है
हर पल बात को समझ लेने कि चाहत हर बार उम्मीदे देकर जाती है आगे लेकर जाती है क्योंकि आगे जाना ही तो जीवन कि उस सोच के साथ जरुरत होती है
वही सोच ही हमारी सही दिशा होती है जब कोई सोच हमे दिशा मे आगे लेकर जाती है जीवन कि जरुरत तो सिर्फ सही दिशा ही तो होती है
 ोोोोोो

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