Thursday 28 April 2016

कविता ६४८. हवाओं का एहसास

                                                                     हवाओं का एहसास
हवाओं को समझकर जीवन कि दिशाए जीवन मे परख लेनी होती है जो हमे समझकर दुनिया को कुछ अलग नतीजे देती है हवाए एहसास दे जाती है
हवा ही तो जीवन कि साँसे बनती है जिन्हे समझकर आगे जाने कि जीवन के अंदर जरुरत होती है हवा के अंदर हमारी सोच हर मोड पर कोई ताकद देती है
हवा के भीतर जीवन कि कहानी हर पल छुपी होती है जो हवाओं को ताकद वह फिजाए देकर जाती है जीवन को वही उम्मीदे देकर आगे बढती जाती है
हमे हवाओं को समझकर जीवन को परख लेने कि जरुरत कभी कभी मेहसूस नही होती है क्योंकि हवाए ही तो हमारी साँसे बन के जिन्दा रहती है
हवाओं को समझकर आगे जाने कि जीवन मे अहमियत होती है हमे हवाओं से ही तो दुनिया समझमे आती है आगे लेकर हर पल जाती है
हवाओं के अंदर ताकद हर पल जीवन के अंदर आगे जाने कि उम्मीदे देती है जिन्हे समझकर आगे बढने कि आदत चुपके से हमे पडती है जो जीवन पर असर करती है
हवा ही तो हमे एहसास देती है जिसे समझकर आगे बढने कि आदत हमे आसानी से पडती है जो हमे उम्मीदे देकर आगे चलती है किनारों को समझ लेती है
हवा ही तो हमारा जीवन बनाती है क्योंकि हवाए हमे सिर्फ साँसे नही देती है कई एहसासों को समझकर जीवन कि कहानी आगे बढती जाती है
हवाओं के अंदर हमारी दुनिया हर पल रोशन होती रहती है क्योंकि हवाए जीवन कि अलग अलग कहानी हर बार कहती है और वह मन को खुशियाँ देकर रहती है
हवाओं को समझकर आगे चलने कि जरूरत तो होती है पर हवाओं को समझकर आगे जाने कि जरुरत ही नहीं लगती क्योंकि धीरे से हवाए ही हमारा जीवन बन जाती है 

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