Monday 27 June 2016

कविता ७६९. किसी खयाल से

                                                                     किसी खयाल से
बार बार किसी खयाल से जब मन को तसल्ली होती है उस खयाल से ही हमारी खुशियाँ आगे बढती रहती है जो दुनिया को उजागर करती है
जीवन मे किसी खयाल से जीवन को तसल्ली मिलती है जिसे जीवन के हर मोड पर समझ लेने कि जरुरत हर पल होती है
किसी खयाल से जीवन कि दिशाए उजागर करती होती है क्योंकि उस खयाल मे दुनिया कि चाल समझमे आती है जिसकी अलग कहानी होती है
जब जब हम किसी खयाल को समझ लेते है उस खयाल से ही तो अपनी किस्मत हर पल बनती और बिघडती है
जीवन मे एक खयाल से ही तो अपनी दुनिया अलग चमक देकर आगे बढती है जो जीवन को रोशनी देकर चलती है
कई खयालों को समझ लेने कि जरुरत होती है जितने खयाल मन मे होते है उनसे ही तो दुनिया बनती है जो जीवन को खुशियाँ देती है
कभी कभी उस खयाल को पकडकर रखने कि चाहत ही दुनिया में मुसीबत बनती है कुछ खयाल कि जिन्दगी भर जरूरत होती है
तो किसी खयाल से दुनिया हर पल मुसीबत देती है जीवन को समझ लेने कि हमे अहमियत होती है जीवन मे दुनिया अलग तरह कि चीजे देती है
जीवन मे हर चीज कोई ना कोई मतलब देती है जीवन मे हमे चीजे समझ लेने कि जरुरत होती है जिसे परखकर आगे बढने कि जरुरत होती है
जीवन मे आगे जाने के लिए जीवन मे बाते समझ लेने कि जरूरत होती है क्योंकि किसी खयाल से दुनिया बनती है तो किसी खयाल से बिघडती है उन्हे समझ लेने कि जरुरत होती है 

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