Thursday 2 June 2016

कविता ७१९. मुलायम सोच

                                              मुलायम सोच
कोई मुलायम सोच जीवन को अलग पेहचान दे जाती है जो जीवन की धारा बन जाती है वही जीवन को समझके आगे बढ जाती है
किसी मुलायम सोच को परखकर जीवन की धारा बदल जाती है किसी मासूम आवाज से भी जिन्दगी कुछ अलग रंग दिखाती है
जीवन कि पेहचान तो जीवन को मासूमसा एहसास देकर जाती है जिसे समझकर आगे बढती जाती है एहसास अलग बनाती है
मुलायम से एहसास कि दुनिया खुबसूरत बन जाती है उस मासूम सोच को समझ लेना दुनिया हर पल मन से चाहती है
मासूम खयालों कि दिशाए रंग नये लाती है हमारी दुनिया हमारी मुस्कान को एक दुआ अलग दे जाती है सोच बदलकर जाती है
जब जब मासूम आवाज उठती है तब तब दिशाए रंगों के अंदर के मतलब बदलकर जाती है जीवन कि साँसे कोई रंग अलगसा दे जाती है
मासूम सोच ही तो जीवन को आवाज अलग दे जाती है अंदाज बदलते रहते है जीवन के आवाज मासूमियत मे नजर आती है
मासूम ही एहसासों कि जीवन को जरुरत होती है उन्ही से दुनिया खुबसूरत होती है जो उन्हे ना समझे उनके जीवन का मतलब कहाँ समझ आता है
मासूम खयालों से ही तो जीवन कि दास्तान बनती है जिन्हे परखकर ही तो जीवन कि हर साँस बन पाती है जो खुशियाँ लाती है
जीवन कि वही सौगाद जरुरी होती है क्योंकि जीवन को उसकी उम्मीद हर पल हर बार होती है जिसमे जीवन कि साँसे बसती है

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