Wednesday 29 June 2016

कविता. ७७३. सोच का बदलाव।

                                              सोच का बदलाव।
जाने किस सोच से जीवन मे निकले थे और कुछ अलग बदलाव सामने आता है जीवन को नया रंग और एहसास हर पल मिल जाता है।
जो बात जीवन मे अधूरीसी लगती है उसे समझ लेने मे जीवन कि दिशाए बदलती रहती है जो हमे समझ नही आती है पर फिर भी जीवन से क्यूँ झगडना है?
उसकी हर बात निराली ही होती है कभी रोशनी दे जाती है तो कभी अँधेरे से भरी दुनिया होती है जीवन कि हर बात हमे बदलाव दे के चलती है।
जीवन मे कई रंगों मे दुनिया को रंगों कि एक अलग सोच दिखती है जिसे आगे जाने कि जरुरत दुनिया को हर पल नजर आती रहती है।
अगर परख ले जीवन को तो दुनिया अलग एहसास देकर जाती है साँसे ही हमे अपनी खुशियों कि सौगाद और अलग रंग हर मौके पर देकर जाती है।
सोच को बदलकर रख देती है वही दुनिया जो कुछ अलग ही रंग लाती है जो जीवन कि धारा को बदलकर हमे अलग एहसास देकर जाती है।
जिसे समझकर भी ना समझे वही बात जिन्दगी अक्सर दोहराती है वह हमारे जीवन को कुछ अलग किसम का एहसास देके आगे चलती है।
जाने क्यूँ जीवन को उम्मीदे मुश्किल राह पर भी मिल पाती है इसलिए ही तो जीवन कि दिशाए सही तरीके से उजागर हो पाती है और साँसे दे जाती है।
हर सोच हर पल ही ताकद बन के नजर आती है कभी कभी बदलाव जो मन को चोट दे जाता है उसमे जीवन कि रोशनी नजर आती है।
जीवन को कई पडदे मे दुनिया रोशन नजर आती है क्योंकि जीवन मे कई राहों पर दुनिया पूरी तरह से बदल जाती है जो दुनिया को बदलाव देती नजर आती है।

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