Thursday, 30 June 2016

कविता. ७७४. सच्चे दर्द कि कहानी।

                                           सच्चे दर्द कि कहानी।
दर्द कि कहानी तो सभी सुनाते है कोई खुशियों कि कहानी सुननेवाला भी जीवन मे मिल जाये जीवन मे अलग साये हर पल नजर आते है।
पर कभी कभी जीवन मे अलग एहसास दे जाये वह किनारे बडे मुश्किल से नजर आते है जो हर पल रोशनी देकर आगे बढते जाते है जो जीवन मे उम्मीदे बनकर आगे चलते जाते है।
जीवन को हर सूरज पे तो हक लगता है पर हर पल रोशनी कहाँ मिल पाती है जो आगे लेकर जाती है जीवन का एहसास बदलकर जाती है।
कभी दूसरे के खुशियों मे ही अपनी खुशियाँ छुपी होती है जो जीवन को हर पल आगे  लेकर जाती है जो जीवन कि दिशाए उजागर करके जाती है।
जीवन मे दूसरे के खुशियों मे कहाँ लोग अपनी खुशियाँ समझ पाते है दुनिया को परख लेना लोग अक्सर भुल जाते है जीवन को बदलकर चले आते है।
जीवन मे हर पल हम कई दिशाओं मे चमक नजर आती है पर उसे समझ लेने कि जरुरत हर पल जीवन मे अहम अक्सर नजर आती है।
जीवन मे दर्द कि कहानी कुछ अलग बदलाव देकर आगे जाती नजर आती है जीवन मे दर्द ही हम सुनाते है और सुनाते चले जाते है।
यह आदत अक्सर बुरी होती है जिसे समझ लेने कि जरुरत हर बात पर होती है जो हमे बदलकर रख देती है हम असली दर्द को ही समझ नही पाते है।
जीवन को समझ लेने कि उम्मीद हर बार देता है पर सच्चा दर्द हम से अक्सर छुट जाता है सिर्फ झूटे दर्द पर हमारी कहानी बन जाती है।
हर बार बात को समझ लेने कि उम्मीदे हर बार होती है जो जीवन को दिशाए देकर आगे बढती रहती है जो हमे सच्चे दर्द को दिखाना सिखा देती है।

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