Thursday 23 June 2016

कविता ७६१. कोई सीधीसी बात

                                                      कोई सीधीसी बात
किसी बात को कहने से पहले कई बार दुनिया मे सोचने कि जरुरत होती है जीवन कि बात को समझकर आगे बढने कि जरुरत होती है
पर कई बार बात सीधीसी होती है उसे दुनिया मे समझ लेने कि जरुरत होती है उस बात के साथ जीवन कि कहानी सही मोड ले लेती है
जीवन मे कई बार आगे बढने कि कुछ अलग निशानी बनती है जो जीवन कि कहानी फिर से बदलकर आगे चलती रहती है जीवन कि निशानी बदलती है
बात जिसे हम परख ले उनमे ही तो जीवन कि साँसे बदलती रहती है जो जीवन कि दुनिया मे खुशियाँ देकर आगे चलती है
जब किसी बात से हम उलझन मे हो तो दुनिया हमारे जीवन कि दिशाए बदलती है जिन्हे समझ ले उन्ही साँसों कि कहानी बदलती है
बात को अगर परख ले तो उसमे दुनिया सोच अलग तरह कि रखती है जिसे समझकर आगे बढने से जीवन कि निशानी बदलती रहती है
बात अलग हो या वही हो उस बात से जीवन कि धारा बदलती है वह एक अलग रंग भी देकर दुनिया मे आगे बढती रहती है
बातों को समझ लेते है तो उनकी कहानी भी बदलती रहती है हर बार अलग अलग अंदाज मे उनकी कहानी बदलती जाती है
बात के एहसास को समझकर जीवन को अलग कहानी मिलती रहती है वह जीवन कि निशानी बदलती जाती है
पर कोई बात तो ऐसी होती है जो बिना समझे ही जीवन कि कहानी बनती है वह जीवन के हर हिस्से मे एक याद सुहानी बनती है 

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