Thursday 14 April 2022

कविता. ४४१२. जज्बात अक्सर अरमानों कि।

                          जज्बात अक्सर अरमानों कि।

जज्बात अक्सर अरमानों कि सुबह सुनाते है कोशिश को आशाओं कि लहर आस दिलाती है नजारों को एहसासों कि सोच रोशनी देकर चलती है आवाजों कोई लम्हों कि कहानी सुनाकर आगे बढती है।

जज्बात अक्सर अरमानों कि धाराएं सुनाते है तरानों को अंदाजों कि राह एहसास दिलाती है लहरों को अफसानों कि सौगात मुस्कान देकर चलती है दिशाओं को उजालों कि सोच सुनाकर आगे बढती है।

जज्बात अक्सर अरमानों कि परख सुनाते है लम्हों को कदमों कि आहट इशारा दिलाती है सपनों को अल्फाजों कि सरगम कोशिश देकर चलती है आशाओं को अदाओं कि समझ सुनाकर आगे बढती है।

जज्बात अक्सर अरमानों कि लहर सुनाते है खयालों को उम्मीदों कि सोच सुबह दिलाती है दिशाओं को इरादों कि तलाश खयाल देकर चलती है अंदाजों को इशारों कि मुस्कान सुनाकर आगे बढती है।

जज्बात अक्सर अरमानों कि सौगात सुनाते है नजारों को एहसासों कि तलाश खयाल दिलाती है लम्हों को कदमों कि आहट अफसाना देकर चलती है तरानों को उम्मीदों कि सोच सुनाकर आगे बढती है।

जज्बात अक्सर अरमानों कि पुकार सुनाते है बदलावों को लम्हों कि सौगात रोशनी दिलाती है नजारों को एहसासों कि तलाश कोशिश देकर चलती है किनारों को आशाओं कि सरगम सुनाकर आगे बढती है।

जज्बात अक्सर अरमानों कि दास्तान सुनाते है किनारों को आशाओं कि परख पहचान दिलाती है राहों को एहसासों कि आस अल्फाज देकर चलती है दिशाओं को लहरों कि कोशिश सुनाकर आगे बढती है।

जज्बात अक्सर अरमानों कि आहट सुनाते है कदमों को आवाजों कि धून एहसास दिलाती है किनारों को अंदाजों कि मुस्कान उमंग देकर चलती है राहों को नजारों कि बदलाव सुनाकर आगे बढती है।

जज्बात अक्सर अरमानों कि सोच सुनाते है तरानों को अंदाजों कि मुस्कान रोशनी दिलाती है उजालों को अल्फाजों कि सोच इरादा देकर चलती है अफसानों को अंदाजों कि अहमियत सुनाकर आगे बढती है।

जज्बात अक्सर अरमानों कि परख सुनाते है कोशिश को आशाओं कि पुकार इरादा दिलाती है बदलावों को उमंग कि उड़ान देकर चलती है खयालों को उम्मीदों कि पहचान सुनाकर आगे बढती है।

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