Friday 8 April 2022

कविता. ४४०६. सपनों संग आसमानों मे।

                         सपनों संग आसमानों मे।

सपनों संग आसमानों मे उडने कि कोशिश एहसास कई देती है तरानों को उम्मीदों कि सुबह लम्हों कि तलाश दिलाती है अदाओं कि समझ सुनाती है।

सपनों संग आसमानों मे उडने कि सोच तराने कई देती है लहरों को अफसानों कि मुस्कान आवाजों कि धून दिलाती है अंदाजों कि समझ सुनाती है।

सपनों संग आसमानों मे उडने कि सुबह बदलाव कई देती है उजालों को अल्फाजों कि सोच कदमों कि आहट दिलाती है किनारों कि समझ सुनाती है।

सपनों संग आसमानों मे उडने कि पुकार अल्फाज कई देती है जज्बातों को अंदाजों कि लहर खयालों कि उम्मीद दिलाती है नजारों कि समझ सुनाती है।

सपनों संग आसमानों मे उडने कि सौगात इशारे कई देती है दास्तानों को उमंग कि तलाश अरमानों कि परख दिलाती है इरादों कि समझ सुनाती है।

सपनों संग आसमानों मे उडने कि कोशिश लम्हे कई देती है दिशाओं को उजालों कि परख पहचान कि सरगम दिलाती है राहों कि समझ सुनाती है।

सपनों संग आसमानों मे उडने कि आस किनारे कई देती है तरानों को उम्मीदों कि सौगात बदलाव कि पुकार दिलाती है खयालों कि समझ सुनाती है।

सपनों संग आसमानों मे उडने कि सोच दास्ताने कई देती है नजारों को आवाजों कि धून मुस्कान कि सरगम दिलाती है दिशाओं कि समझ सुनाती है।

सपनों संग आसमानों मे उडने कि पुकार इरादे कई देती है आशाओं को लम्हों कि रोशनी जज्बातों कि लहर दिलाती है नजारों कि समझ सुनाती है।

सपनों संग आसमानों मे उडने कि कोशिश उम्मीदे कई देती है आवाजों को कदमों कि आहट अल्फाजों कि सरगम दिलाती है जज्बातों कि समझ सुनाती है।

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