Friday 22 April 2022

कविता. ४४२०. आवाज कि धून एहसासों कि।

                         आवाज कि धून एहसासों कि।

आवाज कि धून एहसासों कि तलाश जगाती है दिशाओं से इरादों कि मुस्कान अरमान दिलाती है लम्हों को किनारों कि सुबह अल्फाज सुनाती है लहरों को नजारों अक्सर अफसानों कि कोशिश देती है।

आवाज कि धून एहसासों कि सोच जगाती है जज्बातों से अफसानों कि सौगात रोशनी दिलाती है कदमों को दास्तानों कि अहमियत सपना सुनाती है लम्हों को दास्तानों अक्सर अरमानों कि कोशिश देती है।

आवाज कि धून एहसासों कि सुबह जगाती है बदलावों से आशाओं कि परख पहचान दिलाती है लम्हों को अरमानों कि पुकार जज्बात सुनाती है अंदाजों को इशारों अक्सर राहों कि कोशिश देती है।

आवाज कि धून एहसासों कि लहर जगाती है किनारों से अंदाजों कि मुस्कान सरगम दिलाती है उजालों को अल्फाजों कि राह लहर सुनाती है तरानों को उम्मीदों अक्सर दास्तानों कि कोशिश देती है।

आवाज कि धून एहसासों कि सोच जगाती है कदमों से अल्फाजों कि सुबह सौगात दिलाती है खयालों को उम्मीदों कि मुस्कान समझ सुनाती है बदलावों को उमंग अक्सर अफसानों कि कोशिश देती है।

आवाज कि धून एहसासों कि उमंग जगाती है खयालों से उजालों कि समझ अरमान दिलाती है सपनों को नजारों कि सौगात इशारा सुनाती है अंदाजों को सुबह अक्सर किनारों कि कोशिश देती है।

आवाज कि धून एहसासों कि किनारा जगाती है अदाओं से बदलावों कि उमंग पहचान दिलाती है लम्हों को जज्बातों कि राह तराना सुनाती है नजारों को पुकार अक्सर आशाओं कि कोशिश देती है।

आवाज कि धून एहसासों कि उम्मीद जगाती है किनारों से आशाओं कि सौगात रोशनी दिलाती है सपनों को नजारों कि सुबह आस सुनाती है कदमों को दास्तान अक्सर लम्हों कि कोशिश देती है।

आवाज कि धून एहसासों कि समझ जगाती है जज्बातों से सपनों कि पुकार अल्फाज दिलाती है कदमों को दास्तानों कि सोच इरादा सुनाती है लहरों को पहचान अक्सर अल्फाजों कि कोशिश देती है।

आवाज कि धून एहसासों कि लहर जगाती है कदमों से अरमानों कि सोच सुबह दिलाती है लम्हों को दिशाओं कि उमंग एहसास सुनाती है खयालों को पुकार अक्सर अंदाजों कि कोशिश देती है।

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