Sunday, 10 March 2024

कविता. ५१०७. इशारों को आवाजों की।

                             इशारों को आवाजों की।

इशारों को आवाजों की धून अफसाना दिलाती है दास्तानों संग दिशाओं से एहसास सुनाती है नजारों को लहरों की मुस्कान कहानी देकर जाती है।

इशारों को आवाजों की पुकार सहारा दिलाती है आशाओं संग तरानों से पहचान सुनाती है इरादों को उम्मीदों की सोच कहानी देकर जाती है।

इशारों को आवाजों की उमंग सरगम दिलाती है राहों संग अरमानों से मुस्कान सुनाती है जज्बातों को कदमों की आहट कहानी देकर जाती है।

इशारों को आवाजों की कोशिश अरमान दिलाती है लहरों संग तरानों से आस सुनाती है सपनों को खयालों की अहमियत कहानी देकर जाती है।

इशारों को आवाजों की परख उजाला दिलाती है किनारों संग राहों से अल्फाज सुनाती है अंदाजों को बदलावों की सौगात कहानी देकर जाती है।

इशारों को आवाजों की उम्मीद रोशनी दिलाती है अदाओं संग आशाओं से लहर सुनाती है लम्हों को दिशाओं की पुकार कहानी देकर जाती है।

इशारों को आवाजों की सुबह अंदाज दिलाती है अंदाजों संग जज्बातों से उमंग सुनाती है खयालों को अफसानों की आस कहानी देकर जाती है।

इशारों को आवाजों की राह सोच दिलाती है उजालों संग बदलावों से धारा सुनाती है उजालों को नजारों की सरगम कहानी देकर जाती है।

इशारों को आवाजों की आस कोशिश दिलाती है एहसासों संग आशाओं से खयाल सुनाती है कदमों को अरमानों की सोच कहानी देकर जाती है।

इशारों को आवाजों की सौगात तराना दिलाती है सपनों संग अंदाजों से नजारा सुनाती है आशाओं को उम्मीदों की आहट कहानी देकर जाती है।

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