Tuesday 12 March 2024

कविता. ५१०९. खयालों को अंदाजों की।

                                 खयालों को अंदाजों की।

खयालों को अंदाजों की आस अरमान दिलाती है तरानों को कदमों की आहट पुकार सुनाती है नजारों को दिशाओं की सरगम दिलाती है।

खयालों को अंदाजों की परख पहचान दिलाती है लहरों को किनारों की आस सोच सुनाती है जज्बातों को आशाओं की सरगम दिलाती है।

खयालों को अंदाजों की राह अल्फाज दिलाती है बदलावों को दिशाओं की कहानी उमंग सुनाती है लहरों को आवाजों की सरगम दिलाती है।

खयालों को अंदाजों की उम्मीद कोशिश दिलाती है सपनों को एहसासों की रोशनी सौगात सुनाती है अल्फाजों को उजालों की सरगम दिलाती है।

खयालों को अंदाजों की उमंग जज्बात दिलाती है आशाओं को बदलावों की सुबह एहसास सुनाती है दास्तानों को लम्हों की सरगम दिलाती है।

खयालों को अंदाजों की सौगात तलाश दिलाती है इशारों को आवाजों की धून अफसाना सुनाती है उम्मीदों को जज्बातों की सरगम दिलाती है।

खयालों को अंदाजों की पुकार बदलाव दिलाती है उम्मीदों को एहसासों की आहट आवाज सुनाती है अदाओं को राहों की सरगम दिलाती है।

खयालों को अंदाजों की लहर इरादा दिलाती है अरमानों को इरादों की कहानी बदलाव सुनाती है अल्फाजों को सपनों की सरगम दिलाती है।

खयालों को अंदाजों की समझ सोच दिलाती है किनारों को अल्फाजों की मुस्कान सहारा सुनाती है आशाओं को दिशाओं की सरगम दिलाती है।

खयालों को अंदाजों की उम्मीद परख दिलाती है बदलावों को लम्हों की कहानी अफसाना सुनाती है कदमों को लहरों की सरगम दिलाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...