Thursday 7 March 2024

कविता. ५१०४. दिशाओं की लहर संग।

                             दिशाओं की लहर संग।

दिशाओं की लहर संग आशाएं एहसास निराले देती है तरानों को अरमानों की कहानी जज्बात पुराने देती है आवाजों को धून की धाराएं देती है।

दिशाओं की लहर संग राहें अफसाने निराले देती है अदाओं को सपनों की सुबह बदलाव पुराने देती है कदमों को आहट की धाराएं देती है।

दिशाओं की लहर संग पुकार किनारे निराले देती है खयालों को इशारों की कोशिश अरमान पुराने देती है अंदाजों को बदलावों की धाराएं देती है।

दिशाओं की लहर संग परख इशारे निराले देती है कदमों को उजालों की पहचान तराने पुराने देती है एहसासों को उम्मीदों की धाराएं देती है।

दिशाओं की लहर संग समझ सपने निराले देती है दास्तानों को अंदाजों की मुस्कान इरादे पुराने देती है लम्हों को नजारों की धाराएं देती है।

दिशाओं की लहर संग तलाश नजारे निराले देती है अरमानों को लम्हों की सौगात खयाल पुराने देती है दास्तानों को अल्फाजों की धाराएं देती है।

दिशाओं की लहर संग रोशनी इरादे निराले देती है उजालों को नजारों की परख लम्हे पुराने देती है आवाजों को आशाओं की धाराएं देती है।

दिशाओं की लहर संग सौगात अरमान निराले देती है जज्बातों को इरादों की मुस्कान उमंग पुराने देती है सपनों को अंदाजों की धाराएं देती है।

दिशाओं की लहर संग सरगम तराने निराले देती है कदमों को उजालों की पहचान इशारे पुराने देती है इशारों को सपनों की धाराएं देती है।

दिशाओं की लहर संग आहट जज्बात निराले देती है लम्हों को खयालों की उम्मीद अफसाने देती है बदलावों को किनारों की धाराएं देती है।

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