Saturday 9 March 2024

कविता. ५१०६. कदमों से धाराओं की।

                                कदमों से धाराओं की।

कदमों से धाराओं की कहानी पहचान दिलाती है सपनों को एहसासों संग आवाज पुकार सुनाती है नजारों को दिशाओं की कोशिश देकर जाती है।

कदमों से धाराओं की सोच अफसाना दिलाती है लहरों को जज्बातों संग मुस्कान अरमान सुनाती है अदाओं को तरानों की कोशिश देकर जाती है।

कदमों से धाराओं की सरगम सुबह दिलाती है अल्फाजों को उजालों संग आस दास्तान सुनाती है अंदाजों को बदलावों की कोशिश देकर जाती है।

कदमों से धाराओं की परख नजारा दिलाती है खयालों को इशारों संग उमंग सरगम सुनाती है किनारों को एहसासों की कोशिश देकर जाती है।

कदमों से धाराओं की सौगात तलाश दिलाती है अदाओं को दिशाओं संग उम्मीद एहसास सुनाती है लहरों को आशाओं की कोशिश देकर जाती है।

कदमों से धाराओं की समझ अरमान दिलाती है जज्बातों को आवाजों संग धून अल्फाज सुनाती है उजालों को सपनों की कोशिश देकर जाती है।

कदमों से धाराओं की आहट मुस्कान दिलाती है राहों को अरमानों संग रोशनी अंदाज सुनाती है जज्बातों को आशाओं की कोशिश देकर जाती है।

कदमों से धाराओं की आस तराना दिलाती है लम्हों को दास्तानों संग सुबह सौगात सुनाती है अरमानों को दिशाओं की कोशिश देकर जाती है।

कदमों से धाराओं की राह खयाल दिलाती है दिशाओं को अदाओं संग आहट बदलाव सुनाती है आशाओं को राहों की कोशिश देकर जाती है।

कदमों से धाराओं की अदा लहर दिलाती है बदलावों को अंदाजों संग जज्बात किनारा सुनाती है इशारों को लहरों की कोशिश देकर जाती है।

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