Sunday 31 March 2024

कविता. ५१२८. जज्बात को अंदाजों की।

                              जज्बात को अंदाजों की।

जज्बात को अंदाजों की आस अरमान दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान सरगम सुनाती है तरानों को किनारों संग अफसाना दिलाती है।

जज्बात को अंदाजों की सौगात कोशिश दिलाती है इरादों को उम्मीदों की पहचान पुकार सुनाती है अल्फाजों को उजालों संग अफसाना दिलाती है।

जज्बात को अंदाजों की रोशनी दास्तान दिलाती है अरमानों को दिशाओं की कहानी अल्फाज सुनाती है आवाजों को बदलावों संग अफसाना दिलाती है।

जज्बात को अंदाजों की लहर किनारा दिलाती है अल्फाजों को उजालों की पहचान सहारा सुनाती है खयालों को सपनों संग अफसाना दिलाती है।

जज्बात को अंदाजों की परख सरगम दिलाती है आशाओं को बदलावों की सुबह एहसास सुनाती है उम्मीदों को किनारों संग अफसाना दिलाती है।

जज्बात को अंदाजों की कोशिश उमंग दिलाती है राहों को अरमानों की आस अहमियत सुनाती है लम्हों को कदमों संग अफसाना दिलाती है।

जज्बात को अंदाजों की पुकार सोच दिलाती है तरानों को एहसासों की कहानी समझ सुनाती है अल्फाजों को इरादों संग अफसाना दिलाती है।

जज्बात को अंदाजों की मुस्कान आहट दिलाती है नजारों को अल्फाजों की सोच तलाश सुनाती है एहसासों को अदाओं संग अफसाना दिलाती है।

जज्बात को अंदाजों की राह समझ दिलाती है उम्मीदों को किनारों की कोशिश कहानी सुनाती है खयालों को दिशाओं संग अफसाना दिलाती है।

जज्बात को अंदाजों की उम्मीद आवाज दिलाती है एहसासों को लहरों की परख सहारा सुनाती है आशाओं को बदलावों संग अफसाना दिलाती है।

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कविता. ५१६०. आवाज को दिशाओं की।

                              आवाज को दिशाओं की। आवाज को दिशाओं की उमंग अफसाना दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान कोशिश दिलाती है दास्तान...