Tuesday 26 March 2024

कविता. ५१२३. रोशनी को एहसासों की।

                               रोशनी को एहसासों की।

रोशनी को एहसासों की आहट तलाश दिलाती है लहरों को इशारों की समझ सरगम सुनाती है नजारों को दिशाओं की कहानी पहचान देकर जाती है।

रोशनी को एहसासों की सुबह सौगात दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान सहारा सुनाती है जज्बातों को अंदाजों की परख पहचान देकर जाती है।

रोशनी को एहसासों की आस सोच दिलाती है नजारों को दिशाओं की कोशिश परख सुनाती है अरमानों को सपनों की आस पहचान देकर जाती है।

रोशनी को एहसासों की उमंग खयाल दिलाती है आशाओं को दास्तानों की सोच अफसाना सुनाती है राहों को आवाजों की धून पहचान देकर जाती है।

रोशनी को एहसासों की कहानी सहारा दिलाती है उजियारे को अंदाजों की पुकार अल्फाज सुनाती है खयालों को उम्मीदों की कहानी पहचान देकर जाती है।

रोशनी को एहसासों की कोशिश लहर दिलाती है सपनों को किनारों की राह अरमान सुनाती है लम्हों को दास्तानों की सोच पहचान देकर जाती है।

रोशनी को एहसासों की आस सरगम दिलाती है उजालों को बदलावों की धून उमंग सुनाती है सपनों को किनारों की आस पहचान देकर जाती है।

रोशनी को एहसासों की लहर अहमियत दिलाती है आवाजों को इरादों की कहानी दास्तान सुनाती है तरानों को उम्मीदों की कोशिश पहचान देकर जाती है।

रोशनी को एहसासों की समझ उम्मीद दिलाती है सपनों को अरमानों की पुकार उजाला सुनाती है अदाओं को दिशाओं की सोच पहचान देकर जाती है।

रोशनी को एहसासों की सरगम अंदाज दिलाती है बदलावों को लम्हों की कोशिश अहमियत सुनाती है आवाजों को राहों की मुस्कान पहचान देकर जाती है।

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कविता. ५१६०. आवाज को दिशाओं की।

                              आवाज को दिशाओं की। आवाज को दिशाओं की उमंग अफसाना दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान कोशिश दिलाती है दास्तान...