Wednesday 27 March 2024

कविता. ५१२४. बदलाव को लहरों की।

                                बदलाव को लहरों की।

बदलाव को लहरों की मुस्कान कोशिश सुनाती है दिशाओं को नजारों संग आहट तराना सुनाती है आवाजों को राहों की सौगात तलाश दिलाती है।

बदलाव को लहरों की कहानी सरगम सुनाती है दास्तानों को एहसासों संग आस पुकार सुनाती है कदमों को उजालों की पहचान तलाश दिलाती है।

बदलाव को लहरों की समझ अफसाना सुनाती है खयालों को अंदाजों संग सोच तराना सुनाती है इरादों को आशाओं की लहर तलाश दिलाती है।

बदलाव को लहरों की उमंग किनारा सुनाती है लम्हों को अरमानों संग अदा आवाज सुनाती है खयालों को इशारों की समझ तलाश दिलाती है।

बदलाव को लहरों की उम्मीद खयाल सुनाती है राहों को सपनों संग सुबह दास्तान सुनाती है अल्फाजों को सपनों की आस तलाश दिलाती है।

बदलाव को लहरों की सोच इशारा सुनाती है कदमों को उजालों संग रोशनी अल्फाज सुनाती है जज्बातों को अंदाजों की परख तलाश दिलाती है।

बदलाव को लहरों की आस सपना सुनाती है उम्मीदों को कदमों संग कोशिश जज्बात सुनाती है नजारों को अरमानों की पुकार तलाश दिलाती है।

बदलाव को लहरों की राह अंदाज सुनाती है अरमानों को दिशाओं संग परख खयाल सुनाती है लम्हों को दास्तानों की सुबह तलाश दिलाती है।

बदलाव को लहरों की आवाज पुकार सुनाती है आशाओं को अदाओं संग कोशिश इरादा सुनाती है अफसानों को राहों की मुस्कान तलाश दिलाती है।

बदलाव को लहरों की राह अल्फाज सुनाती है अंदाजों को इरादों संग पहचान सहारा सुनाती है लहरों को एहसासों की आहट तलाश दिलाती है।

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