Friday, 22 March 2024

कविता. ५११९. अल्फाजों को राहों की।

                              अल्फाजों को राहों की।

अल्फाजों को राहों की मुस्कान पहचान दिलाती है लहरों को कदमों की आहट पहचान सुनाती है दिशाओं को बदलावों की कोशिश दिलाती है।

अल्फाजों को राहों की कहानी अरमान दिलाती है लम्हों को खयालों की समझ आवाज सुनाती है अंदाजों को इरादों की कोशिश दिलाती है।

अल्फाजों को राहों की सौगात सरगम दिलाती है कदमों को उजालों की सुबह तराना सुनाती है जज्बातों को आशाओं की कोशिश दिलाती है।

अल्फाजों को राहों की अंदाज सोच दिलाती है नजारों को सपनों की सौगात जज्बात सुनाती है आवाजों को दिशाओं की कोशिश दिलाती है।

अल्फाजों को राहों की उमंग तलाश दिलाती है इशारों को बदलावों की मुस्कान एहसास सुनाती है लम्हों को नजारों की कोशिश दिलाती है।

अल्फाजों को राहों की सुबह आवाज दिलाती है अंदाजों को इरादों की कहानी अहमियत सुनाती है उम्मीदों को किनारों की कोशिश दिलाती है।

अल्फाजों को राहों की आस अफसाना दिलाती है इशारों को लम्हों की परख उमंग सुनाती है लहरों को अरमानों की कोशिश दिलाती है।

अल्फाजों को राहों की उम्मीद खयाल दिलाती है किनारों को अंदाजों की सौगात सपना सुनाती है दास्तानों को अदाओं की कोशिश दिलाती है।

अल्फाजों को राहों की सरगम आस दिलाती है अफसानों को लहरों की पुकार पहचान सुनाती है आवाजों को कदमों की कोशिश दिलाती है।

अल्फाजों को राहों की तलाश लम्हा दिलाती है तरानों को उम्मीदों की आस अरमान सुनाती है सपनों को दास्तानों की कोशिश दिलाती है।

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