Thursday 14 March 2024

कविता. ५१११. जज्बातों को राहों की।

                               जज्बातों को राहों की।

जज्बातों को राहों की मुस्कान पहचान दिलाती है कदमों को अदाओं की पुकार खयाल सुनाती है अल्फाजों की समझ संग अहमियत दिलाती है।

जज्बातों को राहों की कहानी परख दिलाती है लहरों को इशारों की सौगात मुस्कान सुनाती है दास्तानों की परख संग अहमियत दिलाती है।

जज्बातों को राहों की कोशिश तलाश दिलाती है लम्हों को खयालों की रोशनी अरमान सुनाती है नजारों की सुबह संग अहमियत दिलाती है।

जज्बातों को राहों की उमंग तराना दिलाती है किनारों को सपनों की आस बदलाव सुनाती है एहसासों की कोशिश संग अहमियत दिलाती है।

जज्बातों को राहों की सौगात उम्मीद दिलाती है इरादों को आशाओं की सोच दास्तान सुनाती है अफसानों की आहट संग अहमियत दिलाती है।

जज्बातों को राहों की लहर सरगम दिलाती है अरमानों को सपनों की आस पहचान सुनाती है आवाजों की अदा संग अहमियत दिलाती है।

जज्बातों को राहों की अंदाज सुबह दिलाती है उजालों को बदलावों की रोशनी अफसाना सुनाती है अरमानों की सौगात संग अहमियत दिलाती है।

जज्बातों को राहों की समझ नजारा दिलाती है एहसासों को उम्मीदों की मुस्कान सौगात सुनाती है लम्हों की कहानी संग अहमियत दिलाती है।

जज्बातों को राहों की कहानी कोशिश दिलाती है तरानों को उजालों की पुकार लहर सुनाती है किनारों की पहचान संग अहमियत दिलाती है।

जज्बातों को राहों की सोच सपना दिलाती है दिशाओं को कदमों की परख सहारा सुनाती है अल्फाजों की सरगम संग अहमियत दिलाती है।

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