Friday 29 March 2024

कविता. ५१२६. अरमानों से अल्फाजों की।

                             अरमानों से अल्फाजों की।

अरमानों से अल्फाजों की आस तलाश दिलाती है लहरों को इशारों की समझ कोशिश देकर जाती है जज्बातों को कदमों की आस सुनाती है।

अरमानों से अल्फाजों की मुस्कान उमंग दिलाती है लम्हों को दास्तानों की सोच नजारा देकर जाती है उजालों को सपनों की आस सुनाती है।

अरमानों से अल्फाजों की कोशिश कहानी दिलाती है तरानों को उम्मीदों की रोशनी अंदाज देकर जाती है आवाजों को राहों की आस सुनाती है।

अरमानों से अल्फाजों की लहर अहमियत दिलाती है सपनों को एहसासों की सुबह किनारा देकर जाती है इशारों को लम्हों की आस सुनाती है।

अरमानों से अल्फाजों की उम्मीद तराना दिलाती है आवाजों को अदाओं की पहचान सहारा देकर जाती है किनारों को नजारों की आस सुनाती है।

अरमानों से अल्फाजों की सरगम मुस्कान दिलाती है अंदाजों को बदलावों की सौगात दास्तान देकर जाती है एहसासों को इरादों की आस सुनाती है।

अरमानों से अल्फाजों की सोच अफसाना दिलाती है किनारों को सपनों की सुबह पुकार देकर जाती है बदलावों को दिशाओं की आस सुनाती है।

अरमानों से अल्फाजों की रोशनी नजारा दिलाती है कदमों को उजालों की कहानी सरगम देकर जाती है खयालों को आशाओं की आस सुनाती है।

अरमानों से अल्फाजों की सौगात तलाश दिलाती है जज्बातों को नजारों की सोच अफसाना देकर जाती है उम्मीदों को लहरों की आस सुनाती है।

अरमानों से अल्फाजों की आहट सहारा दिलाती है लम्हों को किनारों को सपनों की सुबह परख देकर जाती है तरानों को अदाओं की आस सुनाती है।

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