Saturday 30 March 2024

कविता. ५१२७. सपनों को एहसासों की।

                               सपनों को एहसासों की।

सपनों को एहसासों की समझ संग उजाला देती है कदमों को आशाओं की कहानी सरगम सुनाती है नजारों को दिशाओं की लहर तराना देती है।

सपनों को एहसासों की कोशिश संग उमंग देती है आवाजों को राहों की सौगात अहमियत सुनाती है दास्तानों को जज्बातों की रोशनी तराना देती है।

सपनों को एहसासों की आस संग अरमान देती है अंदाजों को बदलावों की मुस्कान आस सुनाती है दिशाओं को कदमों की सोच तराना देती है।

सपनों को एहसासों की सुबह संग तलाश देती है खयालों को इशारों की राह अल्फाज सुनाती है इरादों को उम्मीदों की परख तराना देती है।

सपनों को एहसासों की सोच संग आवाज देती है किनारों को अल्फाजों की आस पुकार सुनाती है इशारों को लम्हों की पहचान तराना देती है।

सपनों को एहसासों की उम्मीद संग नजारा देती है आशाओं को इशारों की परख कोशिश सुनाती है राहों को अरमानों की पुकार तराना देती है।

सपनों को एहसासों की रोशनी संग खयाल देती है अल्फाजों को उजालों की सुबह सरगम सुनाती है अदाओं को इरादों की समझ तराना देती है।

सपनों को एहसासों की उमंग संग जज्बात देती है आवाजों को अदाओं की पुकार अरमान सुनाती है अल्फाजों को उजालों की सुबह तराना देती है।

सपनों को एहसासों की बदलाव संग आस देती है जज्बातों को आवाजों की धून तलाश सुनाती है लम्हों को आशाओं की मुस्कान तराना देती है।

सपनों को एहसासों की अदा संग रोशनी देती है खयालों को आशाओं की कहानी सोच सुनाती है इशारों को उम्मीदों की तलाश तराना देती है।

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