Tuesday 17 November 2015

कविता ३२२. कहना और करना

                                                             कहना और करना
कहना तो आसान होता है पर जो कर गुजर जाता है वही तो जीवन को समज लेता है जीवन की हर धारा को समज लेना जरुरी होता है
क्योंकि कौन सिर्फ कहता है और कौन कर गुजरता है जो जीवन को मतलब देता है पर हम कहाँ समज पाते है कौन करता है और कौन नहीं कर पाता है
कहना और सोचना दोनों आसान चीजे होती है जीवन में जो नई सोच दे जाती है कहना तो आसान होता है जो करने से अलग असर कर जाता है
करने में ही जीवन को नई सोच जो दुनिया पर अलग असर कर जाती है कहना तो आसान होता है करनेवाले में ही ताकद होती है
जीवन के अंदर अलग सोच जिन्दा होती है जो जीवन के अंदर अलग एहसास देती है कहते रहते है हम हर बात पर जीवन की धारा हर बार अलग बहती है
कहना तो आसान होता है करने में ही जीवन की सबसे बड़ी मुश्किल होती है जो कर गुजरे उस में ही वह साँस होती है जो जीवन को अलग एहसास देती है
कहना और करना जीवन में अलग सोच देता है जो करना तो जीवन के अंदर अलग सोच जो जिन्दा कर जाती है करना ही जीवन में नई सोच होती है
करने से जीवन में अलग सच्चाई पैदा होती है कहने से ही जीवन के अंदर अच्छा एहसास मिलता है करना ही जीवन में अलग मोड़ देता है
करने से ही जीवन में साँस आती है जीते या ना जीते उस से फर्क नहीं पड़ता है सिर्फ करने से ही नई सोच मिलती है वह खुशियाँ देती है
करने को समज लेते है जीवन को नई सोच जिन्दा करती है जो जीवन को हर बार समज लेना ही तो जीवन की सही जरूरत होती है

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१४७. अरमानों को दिशाओं की कहानी।

                       अरमानों को दिशाओं की कहानी। अरमानों को दिशाओं की कहानी सरगम सुनाती है इशारों को लम्हों की पहचान बदलाव दिलाती है लहरों...