Monday, 23 November 2015

कविता ३३५. मुश्किल और जीवन

                                                           मुश्किल और जीवन
जब रास्ता हमें मुश्किल दिखता है मन अक्सर कोई ऐसा ख्वाब भी देख लेता है जो हमें उम्मीदे दिखाता है उस रस्ते पर अलग अलग चीजों का होना होता है
पर हमे मुश्किल से ही जीवन मिलता है तो क्यूँ कतराये उन रास्तों से जिनमे मुश्किल का होना होता है हर मोड़ पर जब हम राह को समज लेते है
जिसमे मुश्किल के अंदर अलग एहसास होता है जो जीवन को नई सोच देता है मुश्किल को समज लेना अहम होता है क्योंकि वह जीवन का हिस्सा होता है
रास्तों पे मुश्किलें तो आती रहती है जो जीवन को अलग सोच देती जाती है मुश्किलों से ही तो जीवन बनता है तो क्या कतरना होता है
जीवन के कई मुश्किलों का अलग एहसास होता है जो हम मुश्किल से पाते है उसे मुश्किलों से ही तो संभाल लेना हर बार होता है
मुश्किल तो आती जाती रहती है पर जीवन में आसान तरीका भी तो मिलता है मेहनत करना सीख लेते है तो जीवन प्यारा होता है
उन रास्तों पर अलग एहसास हर बार जिन्दा होता है जो जीवन को समज लेना जरुरी होता है मुश्किल ही तो सुलझती है तो जीवन प्यारा होता है
मुश्किलों को समज लेना हर बार जरूरी होता है क्योंकि मुश्किल को सुलझना जरुरी होता है मुश्किल तो जीवन का सच उससे क्या डरना उसके अंदर ही जीना होता है
जीवन को हर पल समज लेना हर बार जरुरी होता है मुश्किल के अंदर रास्तों का अलग मतलब पैदा होता है मुश्किल में ही तो सही रास्ता होता है
हर बार जीवन को समज लेना जरुरी होता है मुश्किल से ही तो उसे समज पाते है उसके अंदर कई तरह के सही रास्ते ढूँढ़ लेते है 

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