Wednesday, 4 November 2015

कविता २९६. बात दिल के अंदर की

                                      बात दिल के अंदर की
जब जब जीवन की बात दिल के अंदर से समज जाती है तभी जीवन की सच्चाई जीवन को रोशनी देती है जीवन के अंदर एक अलग एहसास देती है
जीवन को समज लेने कि प्यास देती है दिल हर बार समज जाता है वह आस जो जीवन को जिन्दा कर देती है दिल मे छुपी हर बात एक राज सी होती है
जो जीवन को हर पल साँस देती है वह सोच ही जीवन का एहसास होती है जिसे परख लेने से जीवन को नई साँस मिलती है दिल के अंदर वह एहसास देती है
जो जीवन को नई दिशा हर बार देता है जीवन तो नये नये एहसास देता है दिल कि सोच जो जीवन को नई तरह से आगे बढना सीखाती है वह सोच जीवन को जिन्दा कर देती है
दिल को अलग शुरुआत जो एहसास देती है रोशनी हर बार मन को ठंडक देती है दिल के अंदर वह सोच जो रोशनी दे जाती है वह दिल को प्यारासा एहसास देती है
दिल के अंदर धीरे से जीवन कि जो आस होती है वह जीवन को खुशियों का पैगाम देती है दिल के अंदर नई रोशनी एक छोटीसी शुरुआत देती है
जीवन के हर कदम पर मेहनत तो करनी ही होती है जो जीवन को नई सुबह देती है दिल के अंदर जो सोच जीवन कि धारा बन जाती है वह हर पल दिल को उम्मीदे दे जाती है
सोच को परख लेना जीवन कि जरुरत होती है जो जीवन को मंजिल के पास तो कभी दूर रखती है दिल के अंदर अलग सोच जो जीवन को रोशनी देती है
उस सोच कि चाहत तो हर बार दिल को तस्सली देती है उस सोच को समज लो जो हर बार जीवन मे रोशनी देती है उस सोच को परख लेने से ही तो दुनिया मे रोशनी आती है
क्योंकी वह मासूम सोच ही जीवन को सही मतलब दे जाती है जो जीवन मे हर बार उम्मीदे और रोशनी लेकर आती है जो हर बार जीवन के दिल कि धडकन बढाती है

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