Wednesday 4 November 2015

कविता २९७. हर लब्ज का मतलब

                                                               हर लब्ज का मतलब
हर लब्ज का कुछ तो मतलब छुपा होता है हर बात के अंदर दिल की किसी सोच का रहना होता है जब जब हम आगे बढ़ते है जीवन का कहना होता है
हर लब्ज के अंदर कुछ तो एहसास छुपा होता है हर लब्ज के अंदर कई मतलब छुपे होते है हर मोड़ पर अलग लब्ज का रहना होता है
लब्ज के अंदर हर सोच का कहना होता है जब जब सोच जीवन पर असर कर जाती है उसका जिन्दा रहना होता है लब्जों के अंदर अलग सोच का आना जाना होता है
पर लब्जों के साथ अलग मतलब हर बार जीवन को छूता है जीवन में हर बार कोई तो सही तरीका होता है  जो जीवन को बदल जाता है
लब्ज जो मतलब देते है उनका एहसास होता है लब्ज के साथ जीवन का मतलब बदल जाता है लब्ज के अंदर अलग एहसास होता है
लब्ज तो जीवन के साथ अलग असर कर जाते है वह जीवन को नई उम्मीदे दे जाते है लब्ज जीवन को हर बार मतलब तो देते ही है
लब्ज ही हमारी दुनिया बदल जाते है लब्ज के साथ  अलग एहसास जीवन हमें दे जाता है लब्ज ही तो जीवन को मतलब दे जाता है
लब्ज जीवन को हर बार सही राह दिखाते है लब्ज ही दुनिया को समज दे जाते है लब्ज ही हर बार जीवन को मतलब देते है
लब्ज को समज लेना हर बार जरुरी होता है हर लब्ज के साथ नया एहसास छुपा होता है लब्ज तो जीवन को अलग मतलब देता है
लब्ज का अलग एहसास हर बार जीवन को मतलब दे जाता है लब्ज के अंदर नया मतलब हर बार खुशियाँ और रोशनी देता है 

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