Thursday 12 November 2015

कविता ३१३. एक धून

                                       एक धून
हर मोड पर चलना मुश्किल बन जाता है हमे हर बार हर मोड को जीना ही पडता है क्योंकि मोड पर कुछ तो अलग मतलब बनता है मोड के अंदर एक अलग धून सुनाई पडती है
उस धून के पीछे अलग मतलब बनता है धून के बीच मे जीवन को अलग एहसास देता है धून के हर लब्ज मे नया गीत बनता है धून मे ही अलग सोच छुपी रहती है
धून को हर मोड पर सुनना है जिसे हर बार समज लेना है धून के भीतर नया एहसास होता है धून के राग मे अलग मकसद बसा होता है धून मे नई सोच होती है
कभी कभी किसी धून से दुनिया बदल जाती है हर धून के भीतर सोच अलग एहसास देती है कभी मिठ्ठी धून के अंदर खुशियों का एहसास जीवन को जिन्दा कर जाता है
धून के भीतर नई सोच जो जीवन को मकसद नया देती है वह खुशियों को हर बार हिस्सा बनाती है धून तो बस एक मधूर संगीत होती है जो जीवन को अलग एहसास बनाती है
धून के अंदर अलग सोच जीवन को रोशनी देती है वह धून ही जीवन को समज देती है धून को पेहचान लेते हो तो मोड समज जाते हो धून के पीछे ही दुनिया परख लेते है
क्योंकि जीवन और कुछ नही सिर्फ धून ही होता है जो हर बार हर मोड पर रोशनी देता है धून के अंदर हर बात का मतलब अलग होता है धून के हर मोड पर सोच होती है
धून मे मतलब हर बार जीवन को समज लेना जरुरी होता है धून के अंदर जीवन हर बार अलग मोड दिखाता है धून तो हर बार मासूम ही होती है पर इन्सान उसमे अलग अलग मतलब दे जाता है
धून कि हर ताकद का एहसास अलग होता है उसे परख लेते है तो विश्वास अलग होता है धून मे ही तो दुनिया कि हकीकत छुपी होती है धून को परख लो तो उसमे दुनिया और खुशियाँ बसी होती है
धून के अंदर अलग सोच रखी होती है धून मे जो जीवन को समज देती है धून मे ही जीवन को नई सोच देती है धून जीवन को हर बार मतलब देती है

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