Friday 6 January 2017

कविता. ११५५. किसी खयाल से गुजरकर।

                                          किसी खयाल से गुजरकर।
किसी खयाल से गुजरकर दुनिया को समझ ले तो दुनिया के कई किस्से खयाल के सहारे जिन्दा नजर आते है किसी खयाल को परखने से दुनिया के कई किस्से जिन्दा हो जाते है जिन्हे समझ तो हम लेते है और उन्हे समझ लेना चाहते है।
किसी खयाल से गुजरकर दुनिया को समझ ले तो दुनिया के कई किस्से रोशनी दे जाते है हर बार हम किसी खयाल के सहारे दुनिया को परख नही पाते है जो खयाल से बनते है उन किस्सों को हम बार बार समझ लेना चाहते है।
किसी खयाल से गुजरकर दुनिया को समझ ले तो दुनिया के कई किस्से जीवन मे अलग समझ देकर जाते है वह हर खयाल के साथ जीवन को कुछ अलग परख देना चाहते है हर बार खयाल कई तरह कि हकीकत को समझ लेना चाहते है।
किसी खयाल से गुजरकर दुनिया को समझ ले तो दुनिया के कई कहानियों के अंदर अलग एहसास देकर जाती है हर खयाल को समझकर दुनिया हर बार कोई अलग कहानी कहती है जिसमे हम जीवन मे कई खयालों को समझ लेना चाहते है।
किसी खयाल से गुजरकर दुनिया को समझ ले तो दुनिया के कई किस्सों मे जीवन कि प्यास देकर जाते है जो जीवन मे कुछ अलग पुकार देकर जाते है जो खयालों को कई एहसास देकर जाते है जो जीवन मे कई किनारों को समझ लेना चाहते है।
किसी खयाल से गुजरकर दुनिया को समझ ले तो दुनिया के कई हिस्सों मे बदलाव को परख लेते है जिन्हे हम हर पल जीना जरुरी समझते है हर सोच को हम अलग कहानी से हर मौके पर अक्सर हर कदम पर समझ लेना चाहते है।
किसी खयाल से गुजरकर दुनिया को समझ ले तो दुनिया के कई रंग अक्सर अलग अंदाज मे नजर आते है जिन्हे समझ लेने कि जरुरत हर खयाल के अंदर नजर आती है जो जीवन मे हर बार किनारों पर कुछ तो समझ लेना चाहते है।
किसी खयाल से गुजरकर दुनिया को समझ ले तो दुनिया के कई एहसास जिन्दा हो जाते है हर खयाल को हम कई किस्सों से समझ लेते है उन खयाल को सही दिशा मे हम आगे ले जाते है जो जीवन मे कुछ तो समझ लेना चाहते है।
किसी खयाल से गुजरकर दुनिया को समझ ले तो दुनिया के कई एहसास जीवन को उजाला दे जाते है जिन्हे हम हर मौके पर आगे नही ला पाते है वही खयाल कई बार उम्मीदों कि आस दे जाते है जिन्हे हर मौके पर हम समझ लेना चाहते है।
किसी खयाल से गुजरकर दुनिया को समझ ले तो दुनिया के कई मौकों से आगे हम जाते है जिन्हे परखकर जिन्हे समझकर दुनिया को कई किस्सों मे उम्मीदे देकर जीना हम चाहते है क्योंकि किसी खयाल को पाकर ही हम उम्मीदे समझ लेना चाहते है। 

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